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Last Modified: मंगलवार, 8 नवंबर 2016 (17:14 IST)

डीआरएस कोई रॉकेट साइंस नहीं : विराट कोहली

डीआरएस कोई रॉकेट साइंस नहीं : विराट कोहली - Virat Kohli, DRS, India England Test series
राजकोट। इंग्लैंड के खिलाफ मंगलवार से यहां शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के लागू होने से भारतीय क्रिकेट टीम की नींद नहीं उड़ी है और भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि यह रैफरल प्रक्रिया कोई 'रॉकेट साइंस' नहीं है।
यहां एससीए स्टेडियम में कल से शुरू होने वाले पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर मेजबान टीम के कप्तान कोहली ने कहा, डीआरएस में कोई रॉकेट साइंस नहीं है। एक क्रिकेटर के रूप में आपको समझ होती है, आपको जानकारी होती है कि गेंद पैड से कहां टकराई है, सही जगह पिच हुई या टकराई थी या नहीं। यह क्रिकेट की सामान्य चीजें हैं। यह जरूरी नहीं कि डीआरएस के लिए आपको कोई कोर्स करना पड़े।
 
कोहली ने कहा, मुझे लगता है कि टीम में देखकर हमने काफी सीखा है कि डीआरएस का इस्तेमाल कैसे होता है। अगर रैफरल लिया जाना है तो यह काफी हद तक इस पर निर्भर करता है कि गेंदबाज और विकेटकीपर विशिष्ट मामले को लेकर क्या सोचते हैं। यह सामान्य सी बात है। ऐसा नहीं है कि हम इस पर काफी ध्यान लगा रहे हैं। यह आपको सिर्फ उस फैसले को दोबारा देखने का मौका देता है जो आपको लगता है कि सही नहीं है और मुझे लगता है कि यह उचित है। 
 
अन्य सभी देशों द्वारा द्विपक्षीय श्रृंखला में स्वीकार की गई डीआरएस प्रणाली का लगातार विरोध करने के बाद बीसीसीआई हाल में इसे लेकर झुका है और प्रयोग के तौर पर इसका इस्तेमाल करने का फैसला किया है।
 
कोहली ने हालांकि इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक और तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्राड के इन बयानों को अधिक तवज्जो नहीं दी जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि उनकी टीम श्रृंखला में प्रबल दावेदार नहीं है।
 
इस युवा बल्लेबाज ने आज तब क्रीज पर कदम रखा जब दिल्ली का स्कोर तीन विकेट पर 214 रन था और इसके बाद झारखंड के गेंदबाजों के धुर्रे उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पंत ने बाएं हाथ के स्पिनर शाहबाज नदीम और ऑफ स्पिनर सन्नी गुप्ता को खास निशाने पर रखा और इन दोनों के खिलाफ सबसे अधिक छक्के लगाए। उन्होंने अपने अधिकतर छक्के लांग आन और लांग ऑफ क्षेत्र में लगाए। 
 
पंत ने आईपीएल के पिछले सत्र में दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से भी कुछ तूफानी पारियां खेली थीं। उन्हें इस साल के शुरू में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारत 'ए' टीम में नहीं चुना गया था और बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि इससे वे इस सत्र में अधिक से अधिक रन बनाने के लिए प्रेरित हुए। 
 
चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने एक बार टीम चयन के बाद कहा था कि वे सीमित ओवरों की क्रिकेट के लिए संजू सैमसन को तैयार करने पर ध्यान दे रहे हैं लेकिन जिस तरह से पंत धुआंधार पारियां खेल रहे हैं उसे देखते हुए उन्हें नजरअंदाज करना बहुत मुश्किल होगा।
 
इस साल दो दोहरे शतक जड़ने वाले कोहली ने कहा, मुझे लगता है कि कुछ टीमें श्रृंखला की शुरुआत आकर्षण से दूर रहकर करना चाहती हैं और इसके बाद विरोधी को हैरान करना चाहती हैं लेकिन हम इन चीजों से अवगत हैं। हम अतीत में भी इस तरह की रणनीति का सामना कर चुके हैं। 
 
उन्होंने कहा, लेकिन साथ ही हम काफी आगे के बारे में नहीं सोचना चाहते। हमें पता है कि हमें क्या करने की जरूरत है, इसलिए हम इस तरह की तारीफ में नहीं बहने वाले। साथ ही आलोचना में भी। अगर टीम प्रबंधन या खेल से ताल्लुक रखने वाले लोग सकारात्मक आलोचना करते हैं तो इसका हमेशा स्वागत है। भारत की ओर से 48 टेस्ट खेलने वाले कोहली ने कहा कि टीम अब मैच जीतने में यकीन करती है और सिर्फ प्रतिस्पर्धी नहीं बने रहना चाहती।
 
कोहली ने कहा, मानसिकता अब सिर्फ प्रतिस्पर्धा पेश करने की नहीं है। हम श्रृंखला जीतना चाहते हैं, हम टेस्ट मैच जीतना चाहते हैं। इसके लिए आपको हमेशा अपना शीर्ष खेल दिखाना होता है और अपने शीर्ष खेल में सुधार करना होता है। यह मानसिकता है और खिलाड़ी चुनौती के लिए तैयार हैं। भारतीय कप्तान ने कहा कि टीम ने पिछली श्रृंखला में भले ही न्यूजीलैंड का 3-0 से क्लीनस्वीप किया हो, लेकिन भारत के प्रदर्शन में कुछ खामियां थीं जिन्हें दूर करने की जरूरत है।
 
कोहली ने कहा, वेस्टइंडीज से लौटने के बाद से ही हमें पता था कि घरेलू सत्र काफी कड़ा होने वाला है। हमें न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी स्तरीय टीमों का सामना करना है जो टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। इसलिए हमें पता है कि घरेलू सत्र कड़ा होने वाला है। कुछ ऐसे विभाग हैं जिन पर हमने ध्यान दिया है जिनमें सुधार की जरूरत है। (भाषा) 
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