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Last Updated : शनिवार, 4 जून 2022 (15:49 IST)

इंदौर के वैंकटेश और आवेश के लौटने से रणजी में मजबूत हुई मध्यप्रदेश, यह IPL खिलाड़ी भी जुड़े

रणजी ट्रॉफ़ी के क्वार्टर फ़ाइनल मुक़ाबले 6 जून से

इंदौर के वैंकटेश और आवेश के लौटने से रणजी में मजबूत हुई मध्यप्रदेश, यह IPL खिलाड़ी भी जुड़े - Venkatesh Iyer and Avesh Khan return boosts Madhya Pradesh in Ranji Trophy
बेंगलुरु:आईपीएल के बाद रणजी ट्रॉफ़ी फिर से लौट रहा है। आठ टीमों का यह नॉकआउट राउंड 6 जून से बेंगलुरु में खेला जाएगा, जिसमें चार क्वॉर्टर फ़ाइनल, दो सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल मुक़ाबले होंगे।लीग राउंड के प्रदर्शन के बाद बंगाल, कर्नाटक, मुंबई, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड की टीमें नॉकआउट राउंड में पहुंची हैं। अब तक के इन के प्रदर्शन पर एक नज़र-

बंगाल:बंगाल ने लीग राउंड में अपने तीनों मैच जीता था। क्वार्टर फ़ाइनल में बंगाल का सामना पड़ोसी झारखंड से होगा। बंगाल की टीम पिछले एक सप्ताह से बेंगलुरु में है और उन्होंने कर्नाटक एकादश के ख़िलाफ़ दो अभ्यास मैच भी खेले हैं ताकि परिस्थितियों के साथ बेहतर तालमेल बिठा सके।टीम के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन हैं, जो पिछले दो साल से भारतीय टेस्ट टीम के इर्द-गिर्द हैं। इसके अलावा टीम में ऑलराउंडर शहबाज़ अहमद भी हैं, जिन्होंने पिछले दो साल से घरेलू क्रिकेट के अलावा आईपीएल में भी अपने प्रदर्शन का लोहा मनवाया है।

टीम में ईशान पोरेल, मुकेश कुमार और आकाश दीप के रूप में तीन अच्छे तेज़ गेंदबाज़ मौजूद हैं। ऋद्धिमान साहा टीम में नहीं हैं, जिसकी वज़ह से युवा विकेटकीपर बल्लेबाज़ अभिषेक पोरेल के लिए रास्ता खुला है, जो इस साल अंडर-19 विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे।

कर्नाटक:विनय कुमार और अभिमन्यु मिथुन के संन्यास लेने के बाद कर्नाटक की तेज़ गेंदबाज़ी कमज़ोर हुई है। इसके अलावा राष्ट्रीय टीम में चयन होने के कारण प्रसिद्ध कृष्णा भी टीम के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। टीम में रोनित मोरे सबसे अनुभवी गेंदबाज़ हैं, जिनके नाम 31 प्रथम श्रेणी मैचों में 97 विकेट हैं।
Mayank Agarwal
टीम में मयंक अग्रवाल की वापसी हुई है, जो दो साल बाद भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं। इसके अलावा टीम में देवदत्त पडिकल, करूण नायर और मनीष पांडेय जैसे बल्लेबाज़ हैं, जो इस टीम की बल्लेबाज़ी क्रम को मज़बूत बनाते हैं।

मुंबई: मुंबई का नॉकआउट में प्रवेश भाग्य भरोसे ही हुआ है। अंतिम मैच में उन्हें जीत के अलावा यह भी दुआ करनी थी कि सौराष्ट्र अपना मैच बोनस अंक के साथ ना जीते। गोवा के ख़िलाफ़ मैच में उनकी पारी 163 रन पर ही सिमट गई थी, लेकिन टीम ने इस मैच में 119 रन की बड़ी जीत हासिल की। बाएं हाथ के स्पिन ऑलराउंडर शम्स मुलानी ने इस मैच में 11 विकेट लिए थे। इसके बाद उन्होंने ओडिशा के ख़िलाफ़ भी पांच विकेट लिए थे। तीन मैचों में 29 विकेट के साथ मुलानी इस टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ हैं।

मध्य प्रदेश: 2017 और 2019 में विदर्भ को दो रणजी ट्रॉफ़ी जिताने के बाद चंद्रकांत पंडित ने मध्य प्रदेश के लिए भी बेहतरीन काम किया है। मध्य प्रदेश से वेंकटेश अय्यर और आवेश ख़ान ने भारतीय टीम में जगह बनाई है, जबकि रजत पाटीदार और कुमार कार्तिकेय ने आईपीएल में प्रभावित किया है।

केरल के ख़िलाफ़ आख़िरी लीग मैच में मध्य प्रदेश के सलामी बल्लेबाज़ यश दुबे ने 289 रन की बेहतरीन पारी खेली थी और रजत पाटीदार (142) के साथ 277 रन जोड़े थे। इसकी वज़ह से मध्य प्रदेश 585 रन का एक विशाल लक्ष्य खड़ा करने में सफल रही थी।

झारखंड: 2016-17 में सेमीफ़ाइनल में पहुंचने के बाद से झारखंड सबकी नज़रों से छिपते-छिपाते आगे बढ़ रही है। पहले मैच में शाहबाज़ नदीम के 10 विकेटों के दम पर उन्होंने दिल्ली को क़रीबी मुक़ाबले में हराया। अगले मैच में बल्लेबाज़ों ने निराश किया और टीम दोनों पारियों में 170 रन का आंकड़ा भी नहीं छू पाई और उसे छत्तीसगढ़ के हाथों हार का सामना करना पड़ा। अंतिम लीग मैच में तमिलनाडु ने लगभग उन्हें मैच से बाहर कर दिया था जब कुमार कुशाग्र के नेतृत्व में निचले क्रम ने टीम को दो विकेट से जीत दिलाई।

क्वार्टर-फ़ाइनल में जगह बनाने के लिए झारखंड को प्री-क्वार्टर-फ़ाइनल में प्लेट ग्रुप की विजेता नागालैंड का सामना करना पड़ा। पहली पारी में 880 रन बनाने के बाद उन्होंने नागालैंड को 289 पर रोका और दूसरी पारी में 1008 रनों की बढ़त लेने के बाद दोनों कप्तानों ने हाथ मिलाकर मैच को ड्रॉ करने पर सहमति जताई।

पंजाब: युवा प्रभसिमरन सिंह, अभिषेक शर्मा, अनमोलप्रीत सिंह के साथ-साथ अनुभवी मंदीप सिंह और गुरकीरत सिंह मान के रूप में पंजाब के पास एक दमदार बल्लेबाज़ी क्रम है। विकेटकीपर अनमोल मल्होत्रा बल्लेबाज़ी को और गहराई प्रदान करते हैं। 26 वर्षीय मल्होत्रा पिछले तीन सीज़नों में कई बार टीम के संकटमोचक बनकर उभरे हैं।
Mandeep Singh
अधिकतर मौक़ों पर इनमें से किसी एक बल्लेबाज़ ने अपना हाथ खड़ा किया है और बल्लेबाज़ी की ज़िम्मेदारी संभाली है। नॉकआउट चरण में उन्हें अर्शदीप सिंह की ग़ैरमौजूदगी से निपटना होगा जो साउथ अफ़्रीका सीरीज़ के लिए भारतीय टी20 टीम का हिस्सा होंगे। सिद्धार्थ कौल अब गेंदबाज़ी क्रम का नेतृत्व करेंगे।

उत्तराखंड: रणजी ट्रॉफ़ी में तीन सीज़न में दूसरी बार उत्तराखंड ने क्वार्टर-फ़ाइनल में प्रवेश किया है। यह मौक़ा और भी ख़ास है क्योंकि इस बार वह अपने एलीट ग्रुप के शीर्ष पर रहकर अंतिम आठ में पहुंची है। क्वार्टर-फ़ाइनल में उनका सामना होगा टूर्नामेंट की प्रबल दावेदार मुंबई के साथ।

उत्तराखंड के कप्तान जय बिस्टा ने मुंबई के लिए खेलते हुए अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला था और अब वह उसी टीम के ख़िलाफ़ खेलेंगे। मुंबई के निवासी बिस्टा खेलने के मौक़े नहीं मिलने के कारण दो सीज़न पहले उत्तराखंड चले गए थे। बिस्टा के अलावा टीम रॉबिन बिष्ट और स्वप्निल सिंह के अनुभव पर भी निर्भर करेगी। रॉबिन रणजी चैंपियन रह चुकी राजस्थान टीम का हिस्सा थे जबकि स्वप्निल कई वर्षों तक बड़ौदा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।(वार्ता)