खेल मंत्री ने संन्यास लिया वापस, अभी भी है क्रिकेट के मैदान पर वापसी की आस
भारत और पश्चिम बंगाल के अनुभवी बल्लेबाज Manoj Tiwary मनोज तिवारी ने पिछले हफ्ते ही क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी, लेकिन अब उनका मन बदल गया है और उनका मानना है कि उनमें अभी बहुत क्रिकेट बाकी है।
गौरतलब है कि तिवारी ने सोशल मीडिया पर साझा किये गये संदेश में लिखा था, "क्रिकेट के खेल को अलविदा। इस खेल ने मुझे सब कुछ दिया है। वे सब जिसका मैंने सपना भी नहीं देखा था, उस समय से जब मेरे जीवन में कई तरह की कठिनाइयां थीं। हमेशा इस खेल का और परमेश्वर का शुक्रगुज़ार रहूंगा, जो हमेशा मेरे साथ रहे।"
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में जन्मे तिवारी ने रणजी ट्रॉफी के 2006-07 सीज़न में 99.50 की औसत से 796 रन बनाकर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। चोट के कारण उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर उतरने के लिये लंबा इंतजार करना पड़ा। तिवारी ने तीन फरवरी 2008 को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ब्रिसबेन वनडे में अंततः भारतीय जर्सी पहनी।मनोज ने भारत के लिये 12 एकदिवसीय मैचों में 287 रन बनाये जहां उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 104 रन रहा। टी20 प्रारूप में वह सिर्फ तीन बार ही भारत का प्रतिनिधित्व कर सके।
पश्चिम बंगाल के पूर्व कप्तान तिवारी ने अपना प्रथम श्रेणी करियर 2004 में ईडन गार्डन में शुरू करने के बाद 2023 में कोलकाता के उसी मैदान पर समाप्त किया था। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका आखिरी मैच सौराष्ट्र के विरुद्ध खेला गया रणजी ट्रॉफी फाइनल था जहां दूसरी पारी में अपनी टीम के लिये सर्वाधिक रन बनाने के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
तिवारी ने कहा था, "मेरे बचपन से लेकर पिछले साल तक मेरे सभी कोचों को धन्यवाद, जिन्होंने मेरी क्रिकेट उपलब्धियों में भूमिका निभाई है। मनबेंद्र घोष, मेरे पिता समान कोच इस क्रिकेट यात्रा में स्तंभ की तरह रहे हैं। अगर वह नहीं होते तो मैं क्रिकेट जगत में कहीं भी नहीं पहुंच पाता। धन्यवाद सर और आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।'
तिवारी ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ 2012 में खिताब जीतने के अलावा राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और पंजाब किंग्स का भी प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कुल मिलाकर 183 टी20 मैचों में 3436 रन बनाये, जिसमें 15 अर्द्धशतक शामिल रहे थे।