हैदराबाद। पंजाब के खिलाफ रोमांचक जीत के बाद फिर से पटरी पर लौटती दिखाई दे रही गत चैंपियन सनराइजर्स हैदराबाद की टीम यहां बुधवार को अपने घरेलू मैदान पर दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ इस विजयी लय को बरकरार रखने के इरादे से उतरेगी।
हैदराबाद ने अपना पिछला मुकाबला बड़े ही रोचक अंदाज में पंजाब को पांच रन से हराकर जीता था। इस मैच में आखिरी समय तक दोनों टीमों के बीच मुकाबला निर्णायक बना हुआ था तो वहीं दिल्ली को अपने कोटला मैदान पर चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने के बावजूद कोलकाता नाइटराइडर्स के हाथों एक गेंद शेष रहते चार विकेट से हार झेलनी पड़ी थी।
गत चैंपियन डेविड वॉर्नर की हैदराबाद का अब तक टूर्नामेंट में सफर उतार-चढ़ाव भरा दिख रहा है और वह पांच मैचों में तीन जीत और दो हार के साथ तीसरे पायदान पर है जबकि पिछले सत्रों की फिसड्डी दिल्ली की टीम अब तक चार मैचों में दो जीत और दो हार के साथ चौथे नंबर पर है।
केकेआर के खिलाफ अपने मैदान पर मिली हार से जहां दिल्ली के हौसले कमजोर हुए हैं तो वहीं हैदराबाद ने अपने पिछले मैच में केकेआर से करीबी हार झेलने के बाद पंजाब से करीबी हार टालते हुए रोमांचक जीत दर्ज की थी और वह फिर से घरेलू मैदान पर इसी प्रदर्शन को दोहराने को तैयार दिख रही है।
पंजाब के खिलाफ मैन ऑफ द मैच रहे तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने जिस तरह आखिरी तक अपनी टीम को मुकाबले में बनाए रखा वह काबिलेतारीफ रहा। पारी में मात्र 19 रन देकर सर्वाधिक पांच विकेट निकालने वाले भुवनेश्वर अब तक हैदराबाद के लिए पांच मैचों में 5.40 के इकोनोमी रेट से 15 विकेट ले चुके हैं और सबसे सफल गेंदबाज हैं।
वैसे भी हैदराबाद की टीम बाकी टीमों से इतर अपने बेहतर गेंदबाजी लाइनअप के लिए जानी जाती हैं जिसमें भुवनेश्वर, अफगानिस्तान के राशिद खान, अनुभवी तेज गेंदबाज आशीष नेहरा, सिद्धार्थ कौल और दीपक हुड्डा जैसे खिलाड़ी हैं। नि:संदेह कोई भी टीम अपने गेंदबाजों की वजह से ही मुकाबला जीतती है और हैदराबाद के लिए यह उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
वॉर्नर की टीम को अपने घरेलू मैदान पर जिस तरह दर्शकों का अपार समर्थन मिल रहा है वह भी उसके लिए काफी सकारात्मक बात है। साथ ही बल्लेबाजों में टीम के पास कप्तान वॉर्नर, शिखर धवन, ऑलराउंडर युवराज सिंह, मोएसिस हैनरिक्स जैसे अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन पिछले मैचों में धवन और युवराज ने जिस तरह बल्ले से निराश किया है उसने कप्तान पर दबाव बढ़ा दिया है।
कप्तान वॉर्नर टीम के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर हैं और पंजाब के खिलाफ उनकी 70 रन की पारी ने टीम को लड़ने लायक स्कोर तक पहुंचाया। उन्होंने अब तक पांच मैचों में दो अर्द्धशतकों सहित 235 रन बनाए हैं जबकि धवन रनों के हिसाब से दूसरे और हैनरिक्स तीसरे नंबर पर हैं। मध्यक्रम में युवराज की बल्ले से नाकामी का दौर जारी है जो पिछले मैच में शून्य पर लौट गए। युवराज ने अब तक 0,26,05 और 62 रन की पारियां खेली हैं।
मध्यक्रम में हालांकि नमन ओझा और दीपक रनों के लिहाज से हैदराबाद को मदद कर सकते हैं, लेकिन निश्चित ही गत चैंपियन टीम को अपनी लय बरकरार रखने के लिए बल्लेबाजी में व्यापक सुधार करने की जरूरत है। दूसरी ओर जहीर की दिल्ली के लिये टूर्नामेंट में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है।
लेकिन टीम अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कई बार जीत दर्ज करने में नाकाम हो रही है और इसके लिए टीम की डैथ ओवरों में खराब गेंदबाजी इसकी वजह है वहीं देखा गया है कि पिछले मैचों में खिलाड़ियों ने आखिरी समय तक संघर्ष नहीं दिखाया जबकि हैदराबाद अपने पिछले मैच में आखिरी समय तक लड़ती रही थी।
दिल्ली ने केकेआर से पिछला मैच हारा जबकि बल्ले से खिलाड़ियों का प्रदर्शन संतोषजनक रहा लेकिन गेंदबाज 168 के स्कोर का भी बचाव नहीं कर सके। दिल्ली की टीम में संजू सैमसन, सैम बिलिंग्स और ऋषभ पंत के रूप में जबरदस्त तिकड़ी है जो बल्ले से निरंतर प्रभावित कर रहे हैं। कोच राहुल द्रविड़ के पसंदीदा युवा खिलाड़ी सैमसन पिछले चार मैचों में एक शतक सहित 173 रन बनाकर टीम के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर भी हैं, वहीं मध्यक्रम में विकेटकीपर पंत ने मोर्चा संभाला हुआ है।
हालांकि करुण नायर, श्रेयस अय्यर और क्रिस मौरिस से कुछ बेहतर खेल की उम्मीद की जा सकती है जो अब तक देखने को नहीं मिल पाया है, वहीं गेंदबाजी में टीम के पास अनुभवी कप्तान और तेज गेंदबाज जहीर मौजूद हैं। जहीर अब तक सात विकेट निकाल चुके हैं और निरंतर अच्छा खेल रहे हैं तो लेग स्पिनर अमित मिश्रा (पांच विकेट), मौरिस (आठ विकेट), पैट कमिंस (छ: विकेट) और शाहबाज नदीम (चार विकेट) ने गेंद से प्रभावित किया है।
एक तरह से दिल्ली की टीम बल्ले और गेंद से काफी संतुलित है लेकिन दबाव में संघर्ष नहीं कर पाने की वजह से उसने पिछले मुकाबले हारे हैं और साथ ही डैथ ओवरों में महंगी गेंदबाजी की कमजोरी में उसे सुधार की जरूरत है। (वार्ता)