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Last Modified: गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018 (23:10 IST)

कप्तान नमन ओझा के बुरे बर्ताव के कारण 20 मिनट तक रुका रहा मैच

कप्तान नमन ओझा के बुरे बर्ताव के कारण 20 मिनट तक रुका रहा मैच - Naman Ojha, Madhya Pradesh Cricket Team
नई दिल्ली। भारतीय टीम से बाहर चल रहे नमन ओझा के खराब मैदानी बर्ताव के कारण मैच 20 मिनट तक रुका रहा लेकिन इसके बावजूद दिल्ली ने गुरुवार को विजय हजारे ट्रॉफी ग्रुप बी मैच में यहां मध्यप्रदेश को 75 रन से हरा दिया।


दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी करते हुए नितीश राणा की 98 गेंद में 10 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 107 रन की पारी की बदौलत आठ विकेट पर 284 रन बनाए। अपने कप्तान के खराब बर्ताव के कारण ध्यान भटका चुकी मध्यप्रदेश की टीम इसके जवाब में 42.4 ओवर में 209 रन पर सिमट गई। कामचलाऊ स्पिनर ललित यादव ने 25 रन देकर पांच विकेट चटकाए।

दिल्ली के सात मैचों में 22 अंक हो गए हैं और टीम राष्ट्रीय चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के करीब है। मैच पर बुरा असर डालने वाली घटना पारी के 28वें ओवर में हुई। बाएं हाथ के बल्लेबाज राणा तब 26 रन बनाकर खेल रहे थे।

उन्होंने बाएं हाथ के स्पिनर रमीज खान की गेंद पर स्वीप शॉट खेला और स्क्वेयर लेग पर क्षेत्ररक्षक ने कैच लपक लिया। मध्यप्रदेश के खिलाड़ी जश्न मनाने लगे लेकिन राणा खड़े रहे। अंपायर राजीव गोदारा इसके बाद स्क्वेयर लेग अंपायर नवदीप सिंह के पास पहुंचे और चर्चा के बाद दोनों ने तीसरे अंपायर (इस मामले में मैच रैफरी) से रैफरल मांगा।

रीप्ले देखने के बाद मैच रैफरी नितिन गोयल ने राणा को नाटआउट करार दिया जिसके बाद एक टेस्ट, एक वनडे और दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले ओझा ने आपा खो दिया। उन्होंने गोदारा की ओर अंगुली उठाकर गुस्से में प्रथम श्रेणी अंपायर के रूप में उनकी क्षमता पर सवाल उठाए। मैच रैफरी गोयल को इसके बाद मैदान पर आना पड़ा क्योंकि लगभग 20 मिनट तक खेल रुका रहा। इसके बाद मैच दोबारा शुरू हुआ।

ओझा को खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि गोयल के इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है। मैच दोबारा शुरू होने पर राणा ने अपना शतक पूरा किया और ध्रुव शोरे (67) के साथ तीसरे विकेट के लिए 147 रन जोड़े।

इससे पहले कप्तान गौतम गंभीर (41) और उन्मुक्त चंद (41) ने पहले विकेट के लिए 89 रन जोड़कर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। लक्ष्य का पीछा करते हुए मध्य प्रदेश की टीम कभी लक्ष्य हासिल करने की स्थिति में नहीं दिखी और ललित ने अपने करियर में पहली बार पांच विकेट हासिल किए।
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