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Last Modified: शनिवार, 27 नवंबर 2021 (18:59 IST)

गेंद के उछाल को लेकर फिर विवादों में घिरी ग्रीनपार्क की पिच, यही रहा है इतिहास

गेंद के उछाल को लेकर फिर विवादों में घिरी ग्रीनपार्क की पिच, यही रहा है इतिहास - Kanpur Green Park pitch again under scanner due to uneven bounce
कानपुर: भारत और न्यूजीलैंड के बीच कानपुर के ग्रीनपार्क मैदान पर चल रहे पहले टेस्ट मैच में पिच के व्यवहार को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

पिच में अनियमित उछाल से बल्लेबाज मैच के पहले दिन से ही मुश्किल में दिख रहे हैं। दरअसल मीडिया छोर से एक भी बार गेंद कमर से ऊपर नहीं उठी है, बल्कि कई बार गेंद जमीन से तीन से छह इंच की दूरी पर आई है, जबकि पवेलियन छोर से भी गेंद का उछाल कई बार असामान्य दिखा है।

अनियमित उछाल को भांपते हुए न्यूजीलैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज टिम साउदी ने भारत की पहली पारी में मात्र 69 रन देकर पांच खिलाड़ियों को चलता किया था, जबकि आज लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल ने मीडिया छोर से लगातार गेंदबाजी कर पांच कीवी बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया। इस दौरान उनकी कई गेंदे जमीन से छूती हुई निकलीं, जिससे बल्लेबाजों ने अपना संयम खाेया।

पिच के व्यवहार को लेकर कमेंट्री बाक्स में बैठे दिग्गजों ने भी आज चिंता जताई जो भविष्य में उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) के लिए मुश्किल का सबब बन सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक मैच से पहले कप्तान केन विलियम्सन भी पिच को देखकर मायूस दिखे थे, जबकि भारतीय कोच राहुल द्रविड़ कानपुर पहुंचने के कुछ ही देर बाद पिच का मुआयना करने ग्रीनपार्क पहुंचे थे। पिच क्यूरेटर शिव कुमार के मुताबिक द्रविड़ ने पिच को देखकर संतोष जताया था।

विवादों से रहा है पुराना नाता

दरअसल, ग्रीनपार्क की पिच कई बार विवादों में आयी है। वर्ष 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यहां खेला गया टेस्ट मैच तीन दिन में ही निपट गया था। साउथ अफ्रीका ने मैच में मिली करारी शिकस्त के बाद पिच पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इस पर आईसीसी ने क्यू‍रेटर समेत बीसीसीआई से स्पष्टीकरण तक मांग लिया था।

क्यूरेटर के खिलाफ साल 2008 में भारत-अफ्रीका टेस्ट मैच के दौरान पिच के साथ छेडछाड़ की शिकायत पर केस दर्ज हुआ था। हालांकि, यूपीसीए के निवर्तमान पदाधिकारी ने आईसीसी से माफी मांग कर मामला रफा-दफा करवा दिया था।

दादा हुए थे ग्रीन पार्क की पिच पर नाराज

वर्ष 2009 में श्रीलंका के ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने भी टीम की हार का ठीकरा पिच पर मढ़ा था और कप्तान कुमार संगकारा के साथ संयुक्त रूप से आईसीसी से पिच के साथ छेडछाड़ करने का आरोप लगाया था। वर्ष 2010 में रणजी ट्रॉफी में यूपी और बंगाल के मैच दो दिन में ही निपट गये थे। उस समय बंगाल के कप्तान सौरभ गांगुली ने बीसीसीआई से शिकायत की थी और पिच क्यूरेटर पर भी जमकर नाराजगी जताई थी।(वार्ता)
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