लंदन: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एशेज सीरीज में इंग्लैंड के खराब प्रदर्शन की भड़ास अब टीम प्रबंधन से ड्रेसिंग रूम तक पहुंच गई है। इसके चलते टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले अनुभवी तेज गेंदबाजों जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड को आगामी वेस्ट इंडीज दौरे से बाहर कर दिया गया है।
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के अंतरिम क्रिकेट निदेशक एंड्रयू स्ट्रॉस ने हालांकि कहा है कि इस निर्णय का मतलब यह नहीं है कि यह दोनों खिलाड़ियों के करियर का अंत है। स्ट्रॉस ने एक विज्ञप्ति में कहा, “ नए चयनकर्ता ने टेस्ट कप्तान जो रूट से जानकारी ली थी और वह ऑस्ट्रेलिया में मिली हार के कारण एक सीमा रेखा खींचना चाहते थे। अनुभवी जोड़ी के दीर्घकालिक भविष्य के बारे में फैसला करना स्थायी प्रबंध निदेशक और मुख्य कोच पर निर्भर करेगा। जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड के संबंध में मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि इंग्लैंड के खिलाड़ियों के रूप में यह उनके करियर का अंत नहीं है। ”
स्ट्रॉस ने कहा, “ हमें लगता है कि कुछ रोमांचक नई गेंदबाजी क्षमता को देखना और अन्य खिलाड़ियों को कुछ अतिरिक्त जिम्मेदारी देना महत्वपूर्ण है जो पहले खेल चुके हैं। एंडरसन और ब्रॉड इंग्लैंड के सेट-अप में जो गुणवत्ता और अनुभव लाते हैं, उस पर किसी को संदेह नहीं है। यह नए प्रबंध निदेशक और स्थायी मुख्य कोच पर निर्भर करेगा कि वे इस गर्मी और उसके बाद टीम में शामिल होंगे या नहीं। इस टीम का यह चयन एक नई प्रक्रिया की शुरुआत है और इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट को वहां वापस लाने के लिए एक यात्रा है, जहां इसे होना चाहिए और अब कड़ी मेहनत शुरू होगी। ”
एंड्रयू स्ट्रॉस, पॉल कॉलिंगवुड और जेम्स टेलर के अंतरिम चयन पैनल ने वेस्ट इंडीज दौरे के लिए युवा खिलाड़ियों को मौका देने का निर्णय किया है, जिसमें साकिब महमूद और मैथ्यू फिशर जैसे तेज गेंदबाजों की अनकैप्ड जोड़ी शामिल है।
मुख्य कोच एवं मुख्य चयनकर्ता क्रिस सिल्वरवुड को पिछले हफ्ते बर्खास्त किए जाने के बाद से इंग्लैंड की पहली टेस्ट टीम चुनी गई, जिसमें एशेज सीरीज में शामिल होने वाले आठ खिलाड़ियों को बाहर कर दिया गया है। इसमें एंडरसन, ब्रॉड, जॉस बटलर, रोरी बर्न्स, हसीब हमीद, डेविड मलान, सैम बिलिंग्स और डॉम बेस का नाम शामिल है। बर्न्स और मलान की ही तरह बटलर का टेस्ट करियर भी अब समाप्त हो सकता है। बटलर की जगह विकेटकीपर बेन फोक्स को वापस बुला लिया गया है, जबकि डरहम के सलामी बल्लेबाज एलेक्स लीज को जैक क्रॉली के साथ ओपनिंग के लिए उतारा जा सकता है।
एंडरसन की बात करें तो वह 640 टेस्ट विकेटों के साथ सर्वकालिक सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने वालों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज में इंग्लैंड के लिए तीन मैचों में 23.37 के औसत से आठ विकेट लिए। वहीं ब्रॉड ने अपने टेस्ट करियर में 537 विकेट लिए हैं और उन्होंने एशेज सीरीज में 13 विकेट लिए थे। इस आंकड़े के साथ उन्होंने एशेज में इंग्लैंड के सबसे सफल गेंदबाज के तौर पर बॉब विलिस और इयान बॉथम को पछाड़ा भी था।
इंग्लैंड द्वारा एंडरसन और ब्रॉड से आगे बढ़ने की प्रक्रिया शुरू करने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी समस्याएं काफी हद तक खराब बल्लेबाजी लाइन-अप के आसपास केंद्रित रहीं, जो सीरीज में 300 रनों तक पहुंचने में विफल रहा और छह मौकों पर 200 से कम का स्कोर बनाया। रूट के बाद बर्न्स, हामीद और मलान इंग्लैंड के दूसरे प्रमुख रन-स्कोरर रहे।
पिछली गर्मियों में टीम में वापसी करने वाले क्रिस वोक्स, मार्क वुड और ऑली रॉबिन्सन, महमूद, फिशर और क्रेग ओवर्टन के सीनियर तेज गेंदबाजी सहयोगी होंगे। उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड के पूर्व अंडर-19 खिलाड़ी फिशर ने 2013 में 15 साल की उम्र में यॉर्कशायर के लिए पदार्पण किया था, लेकिन तब से उन्हें काफी चोटें लगी हैं। वह एशेज सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया गई इंग्लैंड लायंस की टीम में शामिल थे। पिछली गर्मियों में 19.65 के औसत से 20 विकेट लेने का प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड उनके नाम है।
इसके अलावा जैक लीच अभी भी टेस्ट स्पिनर के रूप में टीम की पहली पसंद हैं, हालांकि लंकाशायर के अनकैप्ड लेग स्पिनर मैट पार्किंसन की भी टीम में वापसी हुई है। वह 2019-20 में टीम के साथ दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर चुके हैं।
(वार्ता)
वेस्ट इंडीज दौरे के लिए इंग्लैंड की टीम : जो रूट (कप्तान), जैक क्रॉली, ओली पोप, साकिब महमूद, एलेक्स लीज, बेन फोक्स (विकेटकीपर), मार्क वुड, क्रिस वोक्स, मैथ्यू पार्किंसन, जॉनी बेयरस्टो, ऑली रॉबिन्सन, मैथ्यू फिशर, डैन लॉरेंस, क्रेग ओवर्टन, जैक लीच, बेन स्टोक्स।