आज पूरा हिंदुस्तान और दुनिया के कोने-कोने में रहने वाले भारतीय लोग भारत की महिला क्रिकेट टीम के टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंचने का जश्न मना रहे हैं। सिडनी में भले ही बारिश के कारण इंग्लैंड के खिलाफ मैच रद्द होने की वजह से उसे पहली बार 8 मार्च को खेले जाने वाले फाइनल का टिकट मिला हो लेकिन टीम के जज्बे को पूरी शिद्दत के साथ सलाम किया जा रहा है। भारतीय टीम ने 523 रन बनाकर और 29 विकेट लेकर फाइनल तक का सफर तय किया है।
यूं तो सचिन और सहवाग से लेकर विराट कोहली तक टी20 महिला विश्व कप से पहले ही भविष्यवाणी कर चुके थे कि इस बार की टीम में चैंपियन बनने के पूरे आसार हैं। टीम की भले ही बल्लेबाजी कमजोर कड़ी रही हो, लेकिन टी20 में नंबर रैंकिंग के साथ ही साथ आईसीसी की स्ट्राइक रेट की लिस्ट में नंबर 1 की बल्लेबाज 16 साल की शैफाली वर्मा की चारों मैचों की नाबाद पारियों के अलावा पूनम यादव की कहर बरपाती गेंदों ने भारत को पहली बार फाइनल की पायदान पर चढ़ा दिया।
महिला दिवस पर मिल सकता है तोहफा : 8 मार्च को महिला दिवस है और इसी दिन महिला टी20 वर्ल्ड कप का फाइनल खेला जाना है। भारत में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया जाता है और उन्हें शक्ति का रूप माना जाता है। पूरा देश दुआ कर रहा है कि भारत की देवियां वर्ल्ड कप जीतकर पूरे देश को 'महिला दिवस' का तोहफा दें। हालांकि यह सब आसान नहीं है, इसके लिए कप्तान हरमनप्रीत, स्मृति मंधाना, जेमिमा रॉड्रिग्ज, दीप्ति शर्मा और वेदा कृष्णमूर्ति को भी बड़ी पारियां खेलनी होंगी।
फाइनल तक का सफर : भारतीय टीम को ग्रुप 'ए' में 4 बार की विजेता और वर्तमान चैंपियन ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश और श्रीलंका के साथ रखा गया था। भारत ने पहले ही मैच में जब ऑस्ट्रेलिया को 17 रनों से हराया तभी अहसास होने लगा था कि यह टीम कमाल करेगी। ग्रुप के दूसरे मैच में भारत ने बांग्लादेश को 18 रनों से हराया, जबकि न्यूजीलैंड को 4 रन से हराकर जीत की हैट्रिक पूरी की। इसके बाद उसने श्रीलंका पर 4 रन से जीत दर्ज करके जीत का चौका जड़ा।
4 मैचों में 150 रन भी नहीं बने : भारतीय बल्लेबाजी बुरी तरह फ्लॉप रही। टीम ने 4 मैचों में से किसी में भी 150 का स्कोर स्पर्श नहीं किया। 3 मैचों में उसे पहले बल्लेबाजी का मौका मिला, जबकि 1 मैच में उसने लक्ष्य का पीछा किया। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 132, बांग्लादेश के विरुद्ध 142 और न्यूजीलैंड के विरुद्ध 133 रन बनाए, जबकि श्रीलंका के खिलाफ उसने लक्ष्य का पीछा करते हुए 14.4 ओवर में 116 रन बनाकर जीत हासिल की।
स्टार क्रिकेटर कर रही हैं निराश : भारतीय टीम की सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत को स्टार बल्लेबाज माना जाता है, लेकिन इन दोनों का बल्ला आग नहीं उगल रहा है। हरमनप्रीत ने 4 मैच में 26 और मंधाना ने 3 मैच में सिर्फ 38 रन ही बनाए हैं। यदि शैफाली वर्मा 4 मैचों में नाबाद पारियां नहीं खेलतीं तो आज भारत फाइनल में पहुंचने का जश्न नहीं मना रहा होता। अब वक्त आ गया है, जब इन दोनों स्टार बल्लेबाजों को अपने बाजुओं की ताकत दिखानी होगी।
पूनम यादव की करिश्माई गेंदबाजी : भारतीय महिला टीम में पूनम यादव अपनी करिश्माई गेंदबाजी के कारण न केवल जीत में अहम भूमिका निभाती रहीं, बल्कि वे 4 मैचों में 9 विकेट लेकर इस विश्व कप की टॉप गेंदबाज बन गई हैं। दूसरे नंबर पर इंग्लैंड की आन्या स्रब्सोल (8 विकेट) और तीसरे नंबर पर सोफी एक्लेस्टोन (8 विकेट) हैं।
शैफाली वर्मा का नाम हरेक की जुबां पर : आईसीसी महिला टी20 विश्व कप के पहले 16 बरस की शैफाली वर्मा को बहुत कम लोग जानते थे लेकिन आज पूरे देश में उनका नाम लोगों की जुबां पर है। इस लड़की ने 4 मैच खेले और चारों ही मैच में नाबाद रही।
शैफाली ने पहले मैच में 29, दूसरे मैच में 39, तीसरे मैच में 46 और चौथे मैच में 47 रन ठोंके। इस टूर्नामेंट में वे 161 रन बनाकर बल्लेबाजी में टॉप पर हैं। 4 में से 3 मैचों में 'प्लेयर ऑफ द मैच' का पुरस्कार जीतना इस बात का सबूत है कि उनमें कितनी प्रतिभा है।
अब तक 6 वर्ल्ड कप : आईसीसी टी20 महिला विश्व कप के अब तक 6 संस्करण खेले गए हैं और भारतीय महिला क्रिकेट टीम 4 बार सेमीफाइनल में पहुंची है लेकिन कभी भी उसका सफर आगे जारी नहीं रहा। टी20 विश्व कप का आयोजन प्रत्येक 2 साल में होता है।
2018 में दुनिया की नंबर 2 टीम इंग्लैंड ने नंबर 4 की टीम भारत को 8 विकेट से हराया था। अब तक हुए 6 विश्व कप आयोजनों में ऑस्ट्रेलिया 4 बार, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड 1-1 बार चैंपियन बने हैं। भारतीय टीम 2009, 2010, 2018 में सेमीफाइनल खेली थी लेकिन इस बार वह फाइनल की दहलीज पर है।