पोवार के जाने के साथ भारतीय महिला क्रिकेट को विवादरहित भविष्य की उम्मीद
नई दिल्ली। भारत की सीनियर महिला क्रिकेटर मिताली राज और रमेश पोवार के बीच विवाद प्रशासकों के दखल के बिना शुक्रवार को कोच का तीन महीने का कार्यकाल समाप्त होने के साथ खत्म हो जाएगा।
पोवार का कार्यकाल पूरा होने के बाद बीसीसीआई इस पद के लिए ताजा आवेदन मंगवाएंगा। ऐसी संभावना है कि आवेदन करने पर भी अब पोवार के नाम पर विचार नहीं किया जाएंगा।
बीसीसीआई के एक आला अधिकारी ने बताया, उनका करार आज खत्म हो रहा है और उनकी वापसी की संभावना बहुत कम है। वेस्टइंडीज में आईसीसी टी-20 विश्व कप के दौरान इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में मिताली को बाहर रखने के कारण विवाद पैदा हुआ था। भारत को इंग्लैंड ने उस मैच में आठ विकेट से हराया।
मिताली ने आरोप लगाया कि पोवार उन्हें बर्बाद करना चाहते हैं जबकि कोच ने उनके रवैए पर सवाल उठाए थे। पोवार की नियुक्ति अगस्त में हुई थी जब तुषार अरोठे ने सीनियर खिलाड़ियों के साथ मतभेद के कारण पद छोड़ दिया था।
पोवार के जाने के बाद देखना यह है कि टी-20 कप्तान हरमनप्रीत कौर और वनडे कप्तान मिताली अपने आपसी मतभेद कैसे दूर करती हैं। भारत को अब जनवरी में न्यूजीलैंड का दौरा करना है और नए कोच के साथ टीम विवादों से दूर रहने की उम्मीद करेगी।
बोर्ड के एक अन्य अधिकारी ने कहा, यह देखना होगा कि वेस्टइंडीज में जो कुछ हुआ, उसके बाद हरमनप्रीत और मिताली कैसे सामंजस्य बिठाती हैं। टीम की भलाई के लिए यह करना जरूरी है वरना ड्रेसिंग रूम में और मसले होंगे।
हरमनप्रीत ने अभी तक इस मसले पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन सेमीफाइनल में मिताली को बाहर रखने के फैसले का समर्थन किया था। मिताली पहले ही कह चुकी है कि वह हरमनप्रीत के साथ मतभेद दूर करना चाहती हैं।
उन्होंने कहा, हम दोनों सीनियर खिलाड़ी हैं और अगर मसले होंगे भी तो मिल बैठकर सुलझालेंगे। वह हमारी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से है और मैं हमेशा चाहूंगी कि हम दोनों भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे। (भाषा)