ब्रिसबेन। निचले क्रम के बल्लेबाजों वाशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर ने विषम परिस्थितियों में शतकीय साझेदारी निभाकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन रविवार को यहां भारत को मुकाबले में बनाए रखा।
ऑस्ट्रेलिया के 369 रन के जवाब में शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की नाकामी के कारण बैकफुट पर खड़ा भारत आखिर में अपनी पहली पारी में 336 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचने में सफल रहा। ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 21 रन बनाए थे और इस तरह से उसकी कुल बढ़त 54 रन की हो गई है। स्टंप उखड़ने के समय डेविड वार्नर 20 और मार्कस हैरिस एक रन पर खेल रहे थे।
भारत का स्कोर एक समय छह विकेट पर 186 रन था और वह ऑस्ट्रेलिया से 183 रन पीछे था। ठाकुर (67) और सुंदर (62) ने यहीं से जिम्मेदारी संभाली और सातवें विकेट के लिए 123 रन की साझेदारी की जो वर्तमान श्रृंखला में दोनों टीम की तरफ से किसी भी विकेट के लिए दूसरी बड़ी भागीदारी है।
भारत ने पहले सत्र में 99 और दूसरे सत्र में 92 रन जोड़े और इस बीच दो-दो विकेट गंवाए। तीसरे सत्र में पुछल्ले बल्लेबाजों ने आखिर तक संघर्ष जारी रखा। इस सत्र में भी भारत चार विकेट के एवज में 83 रन जोड़ने में सफल रहा। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से जोश हेजलवुड ने 57 रन देकर पांच विकेट लिए। मिशेल स्टार्क और पैट कमिंस ने दो-दो विकेट हासिल किए।
भारत ने सुबह के सत्र में चेतेश्वर पुजारा (25) और कप्तान अजिंक्य रहाणे (37) तथा दूसरे सत्र में मयंक अग्रवाल (38) और ऋषभ पंत (23) के विकेट गंवाए। इन चारों बल्लेबाजों ने सकारात्मक शुरुआत की लेकिन वे बड़ी पारी नहीं खेल पाए जिसकी भारत को सख्त जरूरत थी।
सुंदर और ठाकुर ने हालांकि ऑस्ट्रेलिया की बड़ी बढ़त हासिल करने की उम्मीदों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सुंदर ने शार्ट पिच गेंदों का अच्छी तरह सामना करके अपनी रक्षात्मक तकनीक से प्रभावित किया। ठाकुर भी ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों के सामने किसी तरह से दबाव में नहीं दिखे। ऑस्ट्रेलिया ने 80 ओवर पूरे होते ही नई गेंद ली लेकिन इन दोनों पर उसका भी प्रभाव नहीं पड़ा। उन्होंने नई गेंद से 22 ओवर तक ऑस्ट्रेलिया को सफलता से दूर रखा।
बाएं हाथ की उंगली में चोट के बावजूद ठाकुर का स्टार्क पर लगाया गया ड्राइव दर्शनीय था। उन्होंने अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे लियोन पर लांग ऑन पर छक्का जड़कर अपना पहला अर्धशतक पूरा किया। इसी ओवर में सुंदर के खूबसूरत चौके से साझेदारी तिहरे अंक में पहुंची। सुंदर भी अगले ओवर में अर्धशतक पूरा करने में सफल रहे।
यह साझेदारी तोड़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने अपना पूरा दमखम लगाया और लगातार शार्ट पिच गेंदें कीं। आखिर में कमिन्स की बेहतरीन गुडलेंथ गेंद ठाकुर के रक्षण को भेदकर विकेटों में समा गई। ठाकुर ने अपनी पारी में 115 गेंदें खेलीं तथा नौ चौके और दो छक्के लगाए।
सुंदर के लिए तेज गेंदबाजों ने लगातार शार्ट पिच गेंदें कीं। ऐसी कुछ गेंदों को उन्होंने अपने शरीर पर झेला लेकिन आखिर में स्टार्क की शार्ट पिच गेंद गली में कैमरन ग्रीन की तरफ उछाल गए जिन्होंने उसे बड़ी खूबसूरती से कैच में बदला। सुंदर की 144 गेंदों की पारी में सात चौके और लियोन पर लगाया गया छक्का शामिल है। दसवें नंबर के बल्लेबाज मोहम्मद सिराज ने भी 13 रन का योगदान दिया।
भारत ने लंच से पहले रहाणे का विकेट गंवाया तो लंच के तुरंत बाद अग्रवाल पैवेलियन लौटे। ये दोनों हालांकि अपनी गलती से आउट हुए। पुजारा ने पिछले मैचों की तरह हेजलवुड की बेहतरीन गेंद पर विकेट के पीछे कैच दिया।
भारत ने सुबह दो विकेट पर 62 रन से आगे खेलना शुरू किया। पुजारा और रहाणे ने पहले घंटे में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। ऐसे समय में हेजलवुड की हल्का कोण लेती गेंद पुजारा के बल्ले को चूमकर विकेटकीपर टिम पेन के दस्तानों में समा गई। पुजारा के पास हेजलवुड की इस गेंद का कोई जवाब नहीं था। उन्होंने 94 गेंदें खेलीं और दो चौके लगाए।
स्टार्क ने रहाणे के लिए चौथी स्लिप लगाई। उनकी यह रणनीति कारगर साबित हुई और ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर भारतीय कप्तान ने स्लिप में मैथ्यू वेड को कैच दे दिया। रहाणे की 93 गेंद की पारी में तीन चौके शामिल हैं।
तीसरे टेस्ट में बाहर रहने के बाद मध्यक्रम में बल्लेबाजी के लिए उतरे अग्रवाल पूरे आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे। हेजलवुड ने लंच के बाद दूसरी गेंद पर ही अग्रवाल को ललचाया जिन्होंने ढीला शॉट खेलकर दूसरी स्लिप में स्टीव स्मिथ को आसान कैच दिया। हेजलवुड ने इसके बाद पंत को भी पैवेलियन भेजा, जिनका ग्रीन ने गली में शानदार कैच लपका।(भाषा)