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Last Updated : सोमवार, 26 अगस्त 2024 (13:44 IST)

मैं अब तंग आ चुका हूं... केएल ने बताया किस तरह उन्होंने ट्रोलिंग से निपटना सीखा

Kl rahul
सोशल मीडिया पर लोगों के लिए आज कल किसी को भी ट्रोल करना बेहद आसान हो गया है, उन्हें लगता है कि वे जब चाहे तब किसी को भी ट्रोल कर अपने मन को किसी प्रकार की शांति पहुंचा लेंगे, उन्हें ट्रोलिंग और रचनात्मक आलोचना (Constructive Criticism) में फर्क नहीं समझ आता और कोई समझना ही नहीं चाहता उन्हें बस लोगों का मजाक बनाने में, विवाद उतपन्न करने में, बहस करने में ही सुकून मिलता है।

रचनात्मक आलोचना फीडबैक का एक रूप है जिसका उद्देश्य सकारात्मक और सहायक तरीके से बदलाव के लिए सुझाव प्रदान करके किसी को बेहतर बनाने में मदद करना है। यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं ट्रोलर वे लड़ाई का आनंद लेते हैं और किसी व्यक्ति को कुछ सुझाव दिए बिना उस पर हंसते हैं जो उनके क्षेत्र में कुछ चीजों को बेहतर बनाने में सहायक हो सकता है।

ट्रोल करने वाले लोग यह तक नहीं सोचते कि जिन्हे वे ट्रोल कर रहे हैं, उनके दिमाग पर इसका कितना असर पड़ेगा। प्रोफेशनल लाइफ में आज कल बहुत लोग ट्रोलिंग का शिकार बनते हैं। उनमें कुछ खिलाड़ी और सेलिब्रिटी भी शामिल हैं।  

भारतीय क्रिकेटर के एल राहुल भी ट्रोलिंग का शिकार हुए थे, उन्होंने हाल ही में खुलासा किया कि वे बैठते, उठते, कुछ भी करते, उन्हें ट्रोल किया जाता था और इसका उनपर कितना असर पड़ा था। राहुल ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू 2014 में किया था और तबसे वे भारतीय टीम में हर फॉर्मेट का महत्वपूर्ण हिस्सा बने रहे। जब रोहित शर्मा को रेस्ट दिया गया था या जब वे चोटिल थे तब राहुल ने टीम इंडिया की कप्तानी भी की, लेकिन पिछले कुछ सालों में उनकी खूब आलोचना और ट्रोलिंग हुई, खास कर क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट, टी20 में खेलने के तरीके को लेकर।



2022 टी20 विश्व कप के बाद, राहुल को भारत की टी20I योजनाओं से बाहर कर दिया गया। जब विकेट कीपर ऋषभ पंत की वापसी हुई तो उन्हें 2024 टी20 वर्ल्ड कप स्क्वाड में भी नहीं लिया गया।
 
राहुल ने स्वीकार किया कि कुछ साल पहले, वह जो कुछ भी करते थे उसके लिए उन्हें ट्रोल किया जाता था. इसका उनपर किस तरह असर पड़ता था, जबकि कम उम्र में वह इससे अच्छी तरह से निपटना जानते थे। 
 
केएल राहुल ने निखिल कामथ (Nikhil Kamath) के पॉडकास्ट पर कहा ""मैं ट्रोलिंग से निपटने में अच्छा था। मुझे इसकी परवाह नहीं थी, लेकिन मुझे लगता है कि मैं तब बहुत छोटा था। और फिर, कुछ साल पहले, मुझे बहुत सारी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। अगर मैं बैठता, तो मैं ट्रोल किया गया, अगर मैं खड़ा रहा तो मुझे ट्रोल किया गया,''
 
उन्होंने आगे कहा "मैं अब ट्रोलिंग से तंग आ चुका हूं। पिछले डेढ़ साल से मैंने इंस्टाग्राम से पूरी तरह छुटकारा पा लिया है। मैं अब भी जाता हूं, पोस्ट करता हूं और अपना काम करता हूं और जितनी जल्दी हो सके उस जगह से निकल जाता हूं।"



 
राहुल ने वनडे और टेस्ट में अपना हुनर दिखाया है और सलामी बल्लेबाज और मध्यक्रम बल्लेबाज दोनों के रूप में अच्छा प्रदर्शन किया है। वनडे विश्व कप में भी उनका प्रदर्शन अच्छा रहा, जहां उन्होंने 10 मैचों में 75.33 की आश्चर्यजनक औसत से 452 रन बनाए। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल मुकाबले में 107 गेंदों पर 66 रनों की उनकी धीमी पारी ने उन्हें फिर से सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया था।

उसी पॉडकास्ट में, राहुल ने अपने स्कूल जीवन के बारे में भी बात की, राहुल ने कहा कि उन्हें स्कूल में कभी भी दंडित नहीं किया गया था और कॉफी विद करण (Koffee with Karan) एपिसोड के बाद उन्हें पहली बार इस तरह का सामना करना पड़ा था।
 
उन्होंने कहा "मैंने स्कूल में छोटी-मोटी शरारतें कीं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे मुझे स्कूल से निकाल दिया जाए या मेरे माता-पिता को आना पड़े. यह मेरी पहली बार था, और फिर आपको पता चलता है कि यह कितना बुरा है."
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