मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. समाचार
  4. Harry Brook is not slowing down anytime soon
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2023 (19:19 IST)

बेबाक ब्रूक! 5 टेस्ट में 4 शतक जड़कर 9 पारियों में बनाए 807 रन

बेबाक ब्रूक! 5 टेस्ट में 4 शतक जड़कर 9 पारियों में बनाए 807 रन - Harry Brook is not slowing down anytime soon
वेलिंगटन: युवा सनसनी हैरी ब्रूक (184 नाबाद) और जो रूट (101 नाबाद) के लाजवाब शतकों की बदौलत इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के पहले दिन शुक्रवार को तीन विकेट के नुकसान पर 315 रन बना लिये।
 
अपना छठा टेस्ट खेल रहे ब्रूक ने कीवी गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाते हुए 169 गेंद पर 24 चौकों और पांच छक्कों के साथ अविजित 184 रन बनाये, जबकि धैर्यवान रूट ने 182 गेंद पर केवल सात चौके लगाकर 101 रन की नाबाद पारी खेली।
इस कारण आज हैरी ब्रूक ने कई रिकॉर्ड तोड़े। पहली 9 पारियों में वह 870 रन बना चुके हैं, ऐसा करने वाले वह पहले खिलाड़ी बने। उनका टेस्ट औसत भी 100 का हो चुका है। ऐसा इस कारण हुआ क्योंकि पिछले 5 टेस्ट की 9 पारियों में वह 4 शतक और 3 अर्धशतक लगा चुके हैं। 
न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को बल्लेबाजी के लिये बुलाया और सिर्फ 21 रन पर उसके तीन विकेट गिरा दिये। मैट हेनरी ने सलामी बल्लेबाज़ ज़ैक क्रॉली (02) और ओली पोप (10) को आउट किया, जबकि टिम साउदी ने बेन डकेट (09) को पवेलियन भेज दिया।
 
न्यूजीलैंड इस समय तक मैच पर हावी था लेकिन ब्रूक ने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से ब्लैककैप्स की गेंदबाजी का मज़ाक बनाकर रख दिया। उन्होंने अपने टेस्ट करियर का चौथा शतक जमाते हुए रूट के साथ चौथे विकेट के लिये 294 रन की अटूट साझेदारी की, जिसके बाद वर्षा ने मैदान पर दस्तक दे दी।
 
ब्रूक अपने टेस्ट करियर की नौ पारियों में 807 रन बना चुके हैं। अगर ब्रूक अगली दो पारियों तक 193 रन बना लेते हैं तो वह टेस्ट में सबसे तेज 1000 रन पूरे करने का एवरटन वीकेस (12 पारियां) का रिकॉर्ड तोड़ देंगे।
 
लंबे समय से बड़ा स्कोर बनाने के लिये संघर्ष कर रहे जो रूट ने भी संयमपूर्वक खेलते हुए अपना 45वां अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा किया। बारिश के कारण दिन का खेल 25 ओवर पहले ही खत्म करना पड़ा और दोनों बल्लेबाज नाबाद पवेलियन लौटे।
 
ये भी पढ़ें
T20 WC में मेजबान द. अफ्रीका ने रचा इतिहास, इंग्लैंड को मात देकर पहली बार बनाई फाइनल में जगह