विशाखापत्तनम। भारतीय टीम रविवार को यहां पहले ट्वेंटी20 मैच से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला की शुरुआत करेगी जिसके जरिए वह इंग्लैंड जाने वाली विश्व कप टीम के लिए बचे अंतिम कुछ उपलब्ध स्थानों पर मुहर लगाना चाहेगी।
पिछले कुछ समय से जूझ रही ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ सात मैचों की श्रृंखला में दो टी-20 अंतरराष्ट्रीय और पांच एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच शामिल है और 30 मई से इंग्लैंड एवं वेल्स में शुरू होने वाले विश्व कप से पहले यह भारत की अंतिम अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला होगी।
टीम में ज्यादातर खिलाड़ियों के स्थान सुनिश्चित हैं, केवल दो स्थान ही ऐसे हैं जिसके लिए विराट कोहली और रवि शास्त्री इन दो टी-20 मैच से विश्व कप टीम के दावेदारों के प्रदर्शन को देखना चाहेंगे। कप्तान कोहली तीन हफ्ते के ब्रेक के बाद लौटे हैं, वह ऋषभ पंत और विजय शंकर जैसे खिलाड़ियों पर कड़ी निगाहें लगाएं होंगे जो इस सूची में जगह बनाने के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं।
विश्व कप की दौड़ में दिनेश कार्तिक को वनडे टीम से बाहर करने के बाद पंत को खुद का दावा मजबूत करने के लिए कुछ और मौके मिलेंगे। विजय शंकर के लिए भी यह खुद का दावा मजबूत करने का अच्छा मौका होगा जो पीठ की चोट के कारण बाहर हुए हार्दिक पांड्या की अनुपस्थिति में टीम में हैं। शंकर दिखा चुके हें कि वह बल्ले से आक्रामक प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन सवाल उनकी गेंदबाजी का होगा कि यह कितनी प्रभावशाली हो सकती है।
वहीं दिनेश कार्तिक भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बेताब होंगे। खुद को साबित करने के लिए उनके पास सिर्फ ये दो टी-20 मैच ही होंगे क्योंकि उन्हें पहले ही वनडे टीम से बाहर कर दिया गया है।
तमिलनाडु के इस अनुभवी खिलाड़ी को सभी की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था क्योंकि न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला के निर्णायक टी-20 मैच में उन्होंने एक रन लेने से इनकार कर दिया था जब दूसरे छोर पर कृणाल पांड्या थे।
भारत के नंबर एक तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की वापसी से गेंदबाजी विभाग में मजबूती आएंगी जो न्यूजीलैंड के खिलाफ थोड़ा फीका लगा था। बुमराह टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 50 विकेट पूरे करने से केवल दो विकेट दूर हैं और यह उपलब्धि सिर्फ रविचंद्रन अश्विन के नाम है जो अभी टीम से बाहर चल रहे हैं।
लेग ब्रेक गेंदबाज मयंक मार्कंडेय भी टीम में हैं। भारतीय टीम के अपनी परखी जोड़ी युजवेंद्र चहल और कृणाल पांड्या के साथ ही उतरने की संभावना है जिन्होंने हाल के समय में घरेलू टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है।
हालांकि खेल के इस छोटे प्रारूप में भारतीय टीम का प्रदर्शन निरंतर नहीं रहा है, टीम को हाल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 1-2 से हार मिली थी। भारत भले ही टी-20 में ऑस्ट्रेलिया से जीत के रिकॉर्ड में 11-6 से आगे हो लेकिन उसके खिलाफ पिछली दो श्रृंखलाओं - अपनी सरजमीं पर 2017 और फिर ऑस्ट्रेलिया में 2018 - में स्कोर 1-1 से बराबर रहा है।
वर्ष 2016 में भारत ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3-0 से अंतिम जीत दर्ज की थी और इस बार कोहली की टीम स्कोर 2-0 करना चाहेंगे। लेकिन इससे ज्यादा यह श्रृंखला विश्व कप के लिए ‘ड्रेस रिहर्सल’ का काम करेगी क्योंकि कोहली विश्व कप से पहले अंतिम आकलन करना चाहेंगे।
कोहली भी 2018 में शानदार प्रदर्शन के बाद रन जुटाना चाहेंगे, उन्होंने साल का अंत सभी प्रारूपों के 38 मैचों में 2735 रन बनाकर किया था। उन्होंने वनडे में 14 पारियों में 133.55 के लाजवाब औसत से 1202 रन बनाए थे और उन्होंने अपने स्कोर को छह बार शतक में और तीन बार अर्द्धशतकों में बदला था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 13 टी-20 में उनका औसत 61 रन रहा है, जिसमें से पांच अर्द्धशतक रहे हैं।
आरोन फिंच की टीम ने तीन महीने पहले भारत के खिलाफ अंतिम श्रृंखला के बाद से टी-20 मैच नहीं खेला है लेकिन उनके छह खिलाड़ी बिग बैश लीग में खेलकर यहां पहुंचे हैं। बीबीएल फाइनल 17 फरवरी को खेला गया, जिसके प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट डॉर्सी शॉर्ट ने इस सत्र में होबार्ट हरिकेन्स के लिए 15 मैच में 53.08 के औसत से 637 रन जोड़े। वहीं केन रिचर्डसन गेंदबाजी में सबसे ऊपर रहे, जिन्होंने कुल 24 विकेट हासिल किए।
टीम इस प्रकार है : भारत : विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप कप्तान), लोकेश राहुल, शिखर धवन, ऋषभ पंत, दिनेश कार्तिक, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), कृणाल पांड्या, विजय शंकर, युजवेंद्र चहल, जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव, सिद्धार्थ कौल और मयंक मार्कंडेय।
आस्ट्रेलिया : आरोन फिंच (कप्तान), डॉर्सी शॉर्ट, पैट कमिंस, एलेक्स कारे, जेसन बेहरेनडोर्फ, नाथन कूल्टर नाइल, पीटर हैंड्सकोंब, उस्मान ख्वाजा, नाथन लियोन, ग्लेन मैक्सवेल, जाय रिचर्डसन, केन रिचर्डसन, मार्कस स्टोइनिस, एशटन टर्नर और एडम जम्पा। (भाषा)