14 अगस्त को 2 महान क्रिकेटरों का नाम दर्ज हुआ था क्रिकेट इतिहास की पुस्तिका में
क्रिकेट के इतिहास में 14 अगस्त का दिन भले ही हम लोग कभी याद न रखें लेकिन क्रिकेट की दुनिया के लिए यह दिन इसलिए बहुत खास है क्योंकि इस दिन दो महान क्रिकेटरों ने अपना नाम क्रिकेट इतिहास की पुस्तिका में दर्ज किया था। जहां एक ओर सचिन तेंदुलकर नाम के सितारे का उदय हुआ तो दूसरी तरफ महान बल्लेबाज डॉन ब्रेडमैन नाम का सितारा क्रिकेटर मैदान से अस्त हुआ था।
मैनचेस्टर में सचिन का कारनामा : आज से 28 साल पहले 1990 में भारतीय क्रिकेट टीम मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में इंग्लैंड दौरे पर गई थी। उस वक्त टीम में एक से बढ़कर एक सूरमा खिलाड़ी हुआ करते थे। इन्हीं दिग्गजों के बीच सचिन तेंडुलकर ने मैनचेस्टर में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में 14 अगस्त के दिन अपने बल्ले से जौहर दिखलाए और 119 रनों की शानदार पारी खेली। ये पारी इसलिए याद की जाती है क्योंकि उन्ही के शतक की बदौलत भारत यह टेस्ट मैच ड्रॉ करवाने में सफल रहा था।
तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम पहला टेस्ट 247 रनों से हारकर सीरीज में 1-0 से पीछे चल रही थी। मैनचेस्टर में इंग्लैंड के कप्तान ग्राहम गूच ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इंग्लैंड ने गूच, माइक एथरटन और रॉबिन स्मिथ के शतकों के दम पर पहली पारी में 519 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया था।
टीम इंडिया ने भी मोहम्मद अजहरुद्दीन की शानदार 179 रन, संजय मांजरेकर के 93 रन और सचिन की 63 रनों की पारियों से माकूल जवाब देते हुए पहली पारी में 432 रन बनाए थे। इंग्लैंड ने दूसरी पारी में एलन लैंब के शतक की मदद से 320 रन बनाकर भारतीय टीम के सामने जीत के लिए 408 रनों का लक्ष्य रखा था।
इस लक्ष्य का पीछा करते समय टीम इंडिया का स्कोर एक समय 4 विकेट के नुकसान पर 109 रन हो गया था। ऐसे में सचिन तेंदुलकर ने 119 रनों की शानदार पारी खेलकर अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाते हुए मैच ड्रॉ करवा दिया। इसी शतक ने भारतीय क्रिकेट को नया सितारा दे डाला था, जिसकी चमक बहुत लंबे समय तक कायम रही।
ओवल में ब्रेडमैन ने खेली अपने कॅरियर की आखिरी पारी : 1948 में 14 अगस्त के दिन ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रेडमैन ने अपने आखिरी टेस्ट की आखिरी पारी खेली थी। लंदन के ओवल में हुए इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान नॉर्मन यार्डली ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने उसकी पारी केवल 50 रन पर समेट दी थी।
इसमें लियोनार्ड ह्यूटन ने सबसे ज्यादा 30 रन बनाए थे। बाकी कोई भी इंग्लैंड का बल्लेबाज दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सका था। इसके जवाब में पहली पारी में कप्तान ब्रेडमैन दो ही गेंद खेलकर होलीज की गेंद पर शून्य पर बोल्ड हो गए थे। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने का मौका ही नहीं मिला क्योंकि इंग्लैंड को इस मैच में पारी की हार का सामना करना पड़ा। इस तरह से यह पारी ब्रेडमैन की पारी की आखिरी पारी हो गई।
वरना ब्रेडमैन का टेस्ट औसत 100 का हो जाता : ब्रेडमैन यदि अपने क्रिकेट कॅरियर की इस अंतिम पारी में 04 रन भी बना लेते तो 52 टेस्ट मैचों के करियर में उनका औसत 99.94 न होकर 100 हो जाता। यही कारण है कि उनकी की यह आखिरी पारी की हमेशा ही चर्चा की जाती है। ब्रेडमैन के इस औसत के नजदीक आज तक दुनिया का कोई भी बल्लेबाज नहीं पहुंच सका है। ब्रेडमैन के बाद ऑस्ट्रेलिया के ही एसी वोग्स का औसत है जोकि केवल 61.87 है। उनके बाद बॉल टेम्परिंग विवाद के चलते इन दिनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर चल रहे ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ हैं जिनका औसत 61.37 है।