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Last Modified: सोमवार, 2 जनवरी 2023 (13:33 IST)

जानिए क्या है Yo Yo Test और Dexa जो अब बनेगा टीम इंडिया में चयन का आधार

जानिए क्या है Yo Yo Test और Dexa जो अब बनेगा टीम इंडिया में चयन का आधार - Clearing Yo Yo Test and Dexa to be the prerequisite for the selection in Team India
मुंबई: भारतीय क्रिकेट बोर्ड की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय टीम में चयन के मानदंडों में यो यो फिटनेस टेस्ट फिर से शामिल किया गया है।नवंबर में टी20 विश्व कप से भारत के सेमीफाइनल में बाहर होने के बाद से यह बैठक होनी थी। आखिरकार यह बैठक रविवार को हुई जिसमे बीसीसीआई सचिव जय शाह, अध्यक्ष रोजर बिन्नी, कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़, एनसीए प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण और चयनकर्ता चेतन शर्मा ने भाग लिया।
 
यो यो टेस्ट के अलावा डेक्सा (हड्डी का स्कैन टेस्ट) भी चयन के मानदंडों में शामिल किया गया है। यह भी तय किया गया कि आईपीएल के लिये लाल गेंद के क्रिकेट पर सफेद गेंद के क्रिकेट को तरजीह देने वाले उदीयमान क्रिकेटरों को राष्ट्रीय टीम में चयन के लिये घरेलू क्रिकेट खेलनी होगी।
 
शाह ने बीसीसीआई द्वारा जारी बयान में कहा ,‘‘ उदीयमान क्रिकेटरों को राष्ट्रीय टीम में चयन की पात्रता हासिल करने के लिये घरेलू क्रिकेट खेलनी होगी।’’उन्होंने कहा ,‘‘ यो यो टेस्ट और डेक्सा अब चयन के आधार में शामिल होंगे।’’बयान में आगे कहा गया ,‘‘ पुरूष टीम का एफटीपी (भावी दौरा कार्यक्रम) और आईसीसी 2023 विश्व कप को ध्यान में रखकर एनसीए आईपीएल टीमों के साथ मिलकर आईपीएल 2023 में भाग ले रहे भारतीय खिलाड़ियों की मॉनिटरिंग करेगा।’’
विराट की कप्तानी में शुरु हुआ था यो यो टेस्ट
 
यो यो टेस्ट एरोबिक फिटनेस टेस्ट है जिससे दमखम का आकलन किया जाता है। इसमें बीस बीस मीटर की दूरी पर रखे गए मार्कर के बीच बढती हुई गति से दौड़ना होता है।विराट कोहली के भारतीय टीम का कप्तान रहते यह टेस्ट शुरू किया गया था। इसमें पहले पास होने के लिये 16 . 1 स्कोर जरूरी था जो बाद में 16 . 5 कर दिया गया।
 
इसके तहत खिलाड़ियों को टाइम ट्रायल के तहत दो किलोमीटर तक दौड़ लगानी होगी। बीसीसीआई ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के साथ मिलकर बनाए इन दो नए टेस्ट में से एक को पार करना अनिवार्य किया है। यो-यो टेस्ट के तहत जहां खिलाड़ियों को धीरे-धीरे गति बढ़ाते हुए 20 मीटर का चक्कर लगाना होगा तो वहीं दूसरे टेस्ट में तेज गेंदबाजों को 8.15 मिनट जबकि अन्य खिलाड़ियों को 8.30 मिनट पर दाे किलोमीटर दौड़ पूरी करनी होगी।
 
खिलाड़ियों का झुंड राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी ना पहुंचे इसलिए 
 
बीसीसीआई ने 2021 ही में एनसीए को फिटनेस टेस्ट के लिए 25 खिलाड़ियों की सूची भेजी थी। इसके तहत आठ फरवरी को शिखर धवन , युजवेंद्र चहल, संजू सैमसन, सूर्यकुमार यादव, मंदीप सिंह, जयदेव उनादकट, सिद्धार्थ कौल, इशान किशन, नीतीश राणा, देवदत्त पाडिकल और राहुल तेवतिया का फिटनेस टेस्ट किया गया था। कई खिलाड़ी टेस्ट पास करने में असफल रहे थे, हालांकि दोबारा हुए टेस्ट में वे पास हो गए थे।
 
इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य सिर्फ यह ही नहीं है कि फिट खिलाड़ी ही मैदान पर उतरे बल्कि वह खिलाड़ियों को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में भीड़ लगाने से भी रोकता है। जितने कम चोटिल खिलाड़ी होंगे उतना ही काम  राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का कम होगा और वह क्रिकेट की नई पौध को सींचने का काम करेगा।

 
हड्डियों की ताकत जानने के लिए किया जाता है डेक्सा
 
डेक्सा हड्डियों की ताकत मापने के लिए किया जाने वाला एक टेस्ट है। इसको बोन डेंसिटी टेस्ट भी कहा जाता है। यह एक एक्स रे तकनीक है जिसमें यह पता लगाने में मदद मिलती है कि खिलाड़ी की हड्डी टूटने या खोने का कोई खतरा तो नहीं है। न केवल हड्डियां बल्कि यह पूरे शरीर में वसा और मांसपेशियों की सही स्थिती का भी पता लगाता है। इस टेस्ट के बाद खिलाड़ियों के चोटिल होने की संभावना का पहले से पता लगाया जा सकता है। 
 
विश्व कप के बाद पूरी चयन समिति को बर्खास्त कर दिया गया लेकिन शर्मा ने रविवार की बैठक में भाग लिया। उन्होंने हरविंदर सिंह के साथ चयनकर्ता के पद के लिये फिर से आवेदन किया है।
 
बयान में बोर्ड ने कहा कि 2023 में भारत में होने वाले विश्व कप के रोडमैप पर भी चर्चा की गई। इसमें कहा गया ,‘‘खिलाड़ियों की उपलब्धता, कार्यभार प्रबंधन, फिटनेस मानदंडों पर विस्तार से बात की गई।’’
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