पुजारा भारतीय टीम के नए कोच राहुल द्रविड़ की देख रेख में खेलने को लेकर उत्साहित है क्योंकि उनकी तकनीक भारत के इस पूर्व महान खिलाड़ी की तरह ही है। कई क्रिकेट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा को राहुल द्रविड़ का क्लोन मानते हैं। दोनों ही एक क्लासिक टेस्ट बल्लेबाज हैं। दोनों ही दांए हाथ के बल्लेबाज अपनी तकनीक के लिए जाने जाते हैं। खासकर ऐसी पिच पर जहां घास हो, टीम को इन दोनों से ही उम्मीद रही है।
हाल ही में चेतेश्वर पुजारा ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर 6 हजारी बने थे। अब तक खेले कुल 90 मैचों में 45 की औसत से पुजारा 6494 रन बना चुके हैं। वह अगर पूरी तरह द्रविड़ नहीं बने हैं तो कम से कम टेस्ट क्रिकेट में दूसरे द्रविड़ बनने की ओर हैं।अब दिलचस्प बात यह है कि राहुल द्रविड़ कोच हैं और वह एक खिलाड़ी है।
उन्होंने कहा, मैंने उनके साथ ए सीरीज के दौरान काम किया है, इसलिए हम सभी उनके मार्गदर्शन का इंतजार कर रहे हैं। एक खिलाड़ी और टीम के कोच के रूप में उनके पास जितना अनुभव है, उससे मदद मिलेगी।
चेतेश्वर पुजारा को इस बात की खुशी है कि बेखौफ होकर बल्लेबाजी करने से उनकी लय लौट आई है और वह अब खुद पर गैरजरूरी दबाव नहीं डालेंगे। पुजारा ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से टेस्ट शतक नहीं बनना उनके लिए तब तक चिंता की बात नहीं है जब तक उनके बल्ले से निकले 80 और 90 रन टीम को जीत दिलाने में मदद करें।
टीम के अभ्यास सत्र के दौरान पुजारा से जब पूछा गया कि क्या इंग्लैंड के खिलाफ पिछली श्रृंखला में आक्रामक बल्लेबाजी के उन्हें फायदा हुआ तो उन्होंने कहा, हाँ, मुझे ऐसा लगता है। जब प्रदर्शन की बात आती है तो मानसिकता थोड़ी अलग थी लेकिन जब तकनीक की बात आती है तो मुझे नहीं लगता कि तकनीक में कोई बड़ा बदलाव आया है। मैं थोड़ा निडर था, जिससे मदद मिली।
उन्होंने माना कि वह खुद पर बहुत ज्यादा दबाव बना लेते थे लेकिन लीड्स और ओवल में 91 और 61 रन की पारी खेलने के बाद चीजें बदल गईं।
उन्होंने कहा, आपको अपने ऊपर बहुत अधिक दबाव डालने की आवश्यकता नहीं है और जो कुछ हो रहा है उसके बारे में बहुत अधिक चिंता करने के बजाय बस कोशिश करें और मैदान में जाकर अपने खेल का आनंद लें।उन्होंने कहा, इंग्लैंड सीरीज के दौरान यही मानसिकता थी। अब तक तैयारी अच्छी रही है और भारतीय परिस्थितियों में खेलने के अनुभव से अगले कुछ टेस्ट मैचों में मदद मिलेगी।
पुजारा ने जनवरी 2019 के बाद से टेस्ट शतक नहीं लगाया है लेकिन उनके लिए यह कोई समस्या नहीं है।उन्होंने अपनी आखिरी छह टेस्ट पारियों में केवल 133 रन बनाए हैं।
उन्होंने कहा, जहां तक मेरे शतक की बात है तो जब होगा तब होगा। मेरा काम टीम के लिए अच्छी बल्लेबाजी करना है और ऐसा नहीं है कि मैं रन नहीं बना रहा हूं। मैं 80 या 90 रन की पारी खेल रहा हूं। मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं और टीम के लिए योगदान दे रहा हूं। मुझे अपने शतक की परवाह नहीं है। यह एक पारी की बात है।
कानपुर टेस्ट में टीम की कमान संभालने वाले अजिंक्य रहाणे भी कुछ समय से लगातार बड़ी खेलने में नाकाम रहे है लेकिन पुजारा का मानना है कि वह बड़े स्कोर से सिर्फ एक पारी दूर है।
उन्होंने कहा, वह एक महान खिलाड़ी है लेकिन कई बार ऐसा भी होता है जब खिलाड़ी कठिन समय से गुजरता है और यह खेल का हिस्सा है। इसलिए उतार-चढ़ाव होगा मुझे पूरा यकीन है कि वह बड़ा स्कोर हासिल करने से सिर्फ एक पारी दूर है। शतक या बड़ी पारी के साथ ही वह लय हासिल कर लेंगे।