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Last Updated : शुक्रवार, 8 जुलाई 2022 (19:15 IST)

सिर्फ चर्चा ही नहीं, ‘Bazball’ ही पसंद नहीं है इंग्लैंड के कोच मक्कलम को!

सिर्फ चर्चा ही नहीं, ‘Bazball’ ही पसंद नहीं है इंग्लैंड के कोच मक्कलम को! - Brendon MCcullam doesn't like the hype around Bazball policy
मेलबर्न: पिछले एक महीने में विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा चर्चा ‘बाजबॉल (BazBall) की हुई है लेकिन इसके प्रेरणास्रोत इंग्लैंड के टेस्ट कोच ब्रेंडन मैकुलम को इसके बारे में अनवरत चर्चा हास्यास्पद लगती है।

मैकुलम के उपनाम ‘Baz ’ से प्रेरित ‘Bazball’ टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के बदले तेवरों से जुड़ा है। मैकुलम के कोच बनने के बाद से इंग्लैंड की टीम पूरी तरह से बदली हुई दिख रही है। न्यूजीलैंड को 3 . 0 से हराने के बाद भारत के खिलाफ पांचवें और आखिरी टेस्ट में रिकॉर्ड 378 रन का लक्ष्य हासिल करके उसने जीत दर्ज की।

आस्ट्रेलिया के सीनियर बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने इंग्लैंड के आक्रामक तेवरों को रोमांचक बताया लेकिन उन्हें नहीं लगता कि यह अगले साल एशेज श्रृंखला तक जारी रहेगा।

मैकुलम ने सेन डब्ल्यूए ब्रेकफास्ट शो पर एडम गिलक्रिस्ट से कहा ,‘‘ मैने बाजबॉल को लेकर कई बयान देखे। एशेज श्रृंखला काफी चुनौतीपूर्ण होगी और हमारे तरीके को इससे चुनौती मिलेगी लेकिन हम इस चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ खेल का मतलब ही खुद के प्रदर्शन में लगातार सुधार करना और सर्वश्रेष्ठ के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ खेलना है ।न्यूजीलैंड और भारत भी बेहतरीन टीमें हैं। आस्ट्रेलिया की चुनौती अलग है क्योंकि एशेज की प्रतिद्वंद्विता अलग है।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे यकीन है कि इंग्लैंड के खिलाड़ी इस रवैये को बरकरार रखेंगे। यही वजह है कि यह हास्यास्पद विशेषण (Bazball) जो लोग हमें दे रहे हैं, मुझे पसंद नहीं हे। खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन पर काफी मेहनत की और इसके पीछे काफी गहराई से सोचा गया है। उन्होंने दबाव का खूबसूरती से सामना किया है।’’
मक्कलम ने साल 2014 की बैज बॉल रणनीति अपनाई

साल 2014 में भारत न्यूजीलैंड के दौरे पर था। इस दौरान दोनों टेस्ट में मक्कलम ने बैज बॉल की रणनीति अपनाई थी।

पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड 30 रनों पर 3 विकेट खो चुका था। फिर क्रीज पर उतरे ब्रैंडन मक्कलम, उन्होंने दबकर ना खेलते हुए खुलकर खेलना शुरु किया। बस यह ही है बैजबॉल की रणनीति, जब कभी भी विकेट जा सकता है तो तब तक रन बना डालो।

उन्होंने लगभग 75 की स्ट्राइक रेट से 224 रन बनाए और जिसमें 29 चौके और 5 छक्के थे और मैच का पासा पलट दिया। यह मैच न्यूजीलैंड 40 रनों से जीता।

इसके बाद मक्कलम नामक कांटा दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया को चुभा। पहली पारी में न्यूजीलैंड को 192 रनों पर समेट कर सीरीज बराबर करने की उम्मीद में टीम इंडिया ने पहली पारी में अजिंक्य रहाणे के शतक से 483 रन बना लिए थे।

लेकिन मक्कलम ने फिर आतिशी पारी खेली। उन्होंने इस बार 302 रन बनाए और इस तिहरे शतक में 4 चौके और 32 छक्के भी शामिल थे। न्यूजीलैंड टीम ने 680 रन बनाकर पारी घोषित कर सीरीज पर कब्जा जमा लिया।
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