स्टोक्स की 4 नो बॉल में से वॉर्नर के विकेट वाली गेंद पर अंपायर ने किया नो बॉल का इशारा (वीडियो)
ब्रिसबेन:लंबे समय के बाद क्रिकेट में वापसी करने वाले बेन स्टोक्स का मैदान पर किस्मत साथ नहीं दे रही है। ऐशज टेस्ट के पहले दिन स्टोक्स सिर्फ 5 रन बनाकर आउट हो गए थे। इसके बाद आज गेंदबाजी में उन्होंने वार्नर को बोल़्ड कर दिया था लेकिन उसे नो बॉल करार दे दिया गया।
पारी का 13वां ओवर बेन स्टोक्स ने किया और यह उनका पहला ओवर भी था। पहली गेंद से ही उन्होंने नो बॉल डालने का सिलसिला शुरु किया था। चौथी गेंद पर उन्होंने डेविड वॉर्नर को एक बेहतरीन गेंद पर बोल्ड भी कर दिया लेकिन उन्होंने इस विकेट का जश्न नहीं मनाया।
स्टोक्स समझ गए थे कि उनसे चूक हो गई। हालांकि बदकिस्मति यह रही की इससे पहले डाली गई नो बॉल मैदानी अंपायर ने नहीं देखी और उसे वैध गेंद माना गया।
स्टोक्स की नोबॉल से एशेज की समस्या हुई उजागर
बेन स्टोक्स की पांव की नोबॉल के कारण इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर का कीमती विकेट नहीं मिल पाया लेकिन इससे एशेज श्रृंखला में टेक्नोलोजी से जुड़ी समस्या भी उजागर हो गयी।
स्टोक्स ने मार्च के बाद जब अपना पहला ओवर किया तो उसके तुरंत बाद ही वार्नर को यह जीवनदान मिला जो तब 17 रन पर खेल रहे थे। इससे यह भी पता चला कि स्टोक्स ने अपनी पिछली तीन गेंदों पर भी क्रीज से आगे पांव रखा था लेकिन अंपायर ने उसे नोबॉल नहीं दिया था।
बाद में ऑस्ट्रेलिया के एशेज प्रसारक चैनल 7 ने खुलासा किया कि स्टोक्स ने मैच के दूसरे दिन गुरुवार को 14 बार अपना पांव क्रीज से आगे रखा था लेकिन केवल दो बार ही नोबॉल दी गयी।
वार्नर को भी पहले आउट दे दिया गया था लेकिन रीप्ले से नोबॉल का पता लगने के बाद अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा। इससे मैच अधिकारियों को लेकर बड़ी समस्या भी उजागर हो गयी।
क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने कहा कि गाबा में टेक्नोलोजी से जुड़ी समस्या का मतलब है कि तीसरे अंपायर पॉल विल्सन यह पता करने के लिये कि गेंदबाज ने क्रीज से आगे पांव रखा है, प्रत्येक गेंद के रीप्ले की समीक्षा नहीं कर सकते। इसका मतलब है कि मैदानी अंपायरों को ही इस पर फैसला करना होगा।
रिकी पोंटिंग ने की आलोचनाऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने मैच की कमेंट्री के दौरान इस तरह की खराब अंपायरिंग की आलोचना की।अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने इस व्यवस्था को लागू किया जिसमें तीसरे अंपायर को नोबॉल की जांच करने की अनुमति दी गयी। पिछले साल नियमों में बदलाव से पहले मैदानी अंपायर ही क्रीज से आगे पांव रखने पर गेंदबाज को सूचित करके नोबॉल देते थे।