नई दिल्ली। 'दक्षिण अफ्रीका के 360 डिग्री बल्लेबाज' कहे जाने वाले एबी डीविलियर्स ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक ही संन्यास लेने की घोषणा कर सबको चौंका दिया है और इसके पीछे उन्होंने खुद के थके होने का कारण बताया है।
डीविलियर्स आईपीएल-11 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु टीम का हिस्सा थे और बेंगलुरु टीम के प्लेऑफ की होड़ से बाहर हो जाने के 4 दिन बाद ही 34 वर्षीय डीविलियर्स ने एक वीडियो संदेश के जरिए अपने संन्यास की घोषणा कर दी।
डीविलियर्स ने बुधवार को कहा कि मैं बहुत थक गया हूं। मैंने तत्काल प्रभाव से सभी तरह की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। 114 टेस्ट, 228 वनडे और 78 ट्वंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद मेरे लिए संन्यास लेने का समय आ गया है ताकि दूसरे खिलाड़ी आगे आ सकें। ईमानदारी से कहूं तो मैं बहुत थक गया हूं।
दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार डीविलियर्स ने कहा कि यह एक मुश्किल फैसला था। मैंने इसके बारे में लंबा विचार-विमर्श किया और मैं चाहता था कि मैं चोटी पर रहते हुए ही खेल से संन्यास लूं। भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार सीरीज जीत के बाद मैं अब महसूस करने लगा था कि मुझे संन्यास ले लेना चाहिए।
डीविलियर्स ने कहा कि मेरे लिए यह करना मुश्किल होगा कि मैं अपने देश की टीम के लिए प्रारूप अपने हिसाब से चुनूं। या तो मेरे लिए सबकुछ होगा या कुछ नहीं होगा। मैं क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के कोचों और स्टाफ का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने इतने वर्षों तक मुझे समर्थन दिया। मेरे लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण शुक्रिया अपने टीम साथियों का रहेगा जिनके लिए मैं अपने करियर में खेला। उनके सहयोग के बिना मैं इस स्तर तक नहीं पहुंच पाता।
अपने संन्यास को लेकर खुलासा करते हुए डीविलियर्स ने कहा कि यह इस बात को लेकर नहीं है कि मैं कहीं और कमाई करूंगा। मुझे लगता है कि मेरी ऊर्जा खेल के लिए समाप्त हो चुकी है और मेरे लिए संन्यास लेने का यह सही समय है। हर चीज का अंत होता है। मैं दक्षिण अफ्रीका और दुनियाभर में क्रिकेट प्रशंसकों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।
डीविलियर्स ने साथ ही कहा कि मेरी विदेशों में खेलने की कोई योजना नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि मैं घरेलू क्रिकेट में टाइटंस के लिए उपलब्ध रहूंगा। मैं फाफ डू प्लेसिस और दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा समर्थक रहूंगा।
34 वर्षीय अब्राहम बेंजामिन डीविलियर्स ने अपने शानदार करियर में 114 टेस्ट मैचों में 50.66 के औसत से 8,765 रन बनाए जिनमें 22 शतक और 46 अर्द्धशतक शामिल हैं। डीविलियर्स को मौजूदा समय में भारत के विराट कोहली और न्यूजीलैंड के केन विलियमसन के साथ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माना जाता है। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 278 रनों का रहा।
डीविलियर्स बल्लेबाज होने के साथ-साथ एक शानदार विकेटकीपर भी रहे जिन्होंने टेस्ट मैचों में 222 कैच लपके और 5 स्टम्प्स किए। उन्होंने 228 वनडे में 53.50 के शानदार औसत से 9,577 रन बनाए जिनमें 25 शतक और 53 अर्द्धशतक शामिल हैं। उन्होंने विकेट के पीछे 176 कैच लपके और 5 स्टम्पिंग की।
ट्वंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में डीविलियर्स ने 78 मुकाबलों में 1,672 रन बनाने के अलावा विकेट के पीछे 65 कैच और 7 स्टम्प किए। डीविलियर्स ने अपना टेस्ट करियर 17 दिसंबर 2004 को पोर्ट एलिजाबेथ में इंग्लैंड के खिलाफ, वनडे करियर 2 फरवरी 2005 को ब्लूमफोंटेन में इंग्लैंड के खिलाफ और ट्वंटी-20 करियर 24 फरवरी 2006 को जोहानसबर्ग में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू किया था। (वार्ता)