'1983 की जीत के हीरो रहे मोहिंदर अमरनाथ के बारे में सुना क्या कभी', गौतम ने कही गंभीर बातें
क्रिकेट जगत में हमेशा यह अफवाह रही है कि पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी Gautam Gambhir के सम्बन्ध MS Dhoni और Virat Kohli से अच्छे नहीं हैं। दर्शको ने IPL के दौरान भी विराट और गौतम के बीच एक मौखिक बहस देखि थी। उसके बाद से इन दोनों के बीच की बहस काफी वक़्त तक क्रिकेट के जगत में हॉट टॉपिक बना हुआ था।
हाल ही में नेटवर्क 18 के साथ एक इंटरव्यू में बात चीत करते वक़्त गौतम गंभीर ने बेबाक तरीके से हर विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। उनके साथ विराट और महेंद्र सिंह धोनी के संबंधों के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा "नवीन उल हक सही था, तो मैंने उसका साथ दिया। बात सिर्फ नवीन उल हक की नहीं है, जो भी सही होगा मैं उसका साथ दूंगा और यह मैं मरते दम तक करूंगा।'
गंभीर ने आगे कहा, 'मुझसे लोग पूछते हैं कि विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के साथ मेरे रिश्ते कैसे हैं, मैं सबसे यही कहता हूं कि मेरा रिश्ता विराट और धोनी दोनों के साथ एक जैसा है। अगर हमारे बीच कोई बहस होती है, तो वह मैदान तक ही सीमित रहती है, कुछ भी मैदान से बाहर नहीं जाता है और ना ही हमारे बीच कोई निजी लड़ाई है। क्योंकि वह भी जीतना चाहते हैं और मैं भी।'
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) हार जाने के बारे में उन्होंने कहा कि भारत एक टीम-ओब्सेस्ड देश नहीं था, बल्कि इंडिविजुअल ओब्सेस्ड देश है (Our country is not team obsessed, its individual obsessed)।
उन्होंने कहा "मुझे लगता है कि बहुत से लोग यह नहीं कहेंगे, लेकिन यह सच्चाई है और दुनिया के सामने आनी चाहिए। हमारा देश टीम की नहीं, टीम के महान खिलाड़ियों की पूजा करता है। हम खिलाड़ी को टीम से बड़ा मानते हैं। इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और अन्य देशों में टीम बड़ी है, एक खिलाड़ी नहीं। यही कारण है कि हम लंबे समय तक आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सके, क्योंकि हम टीम से ज्यादा एक खिलाड़ी के प्रति जुनूनी हैं।”
1983 वर्ल्ड कप पर भी बोले गौतम
गौतम गंभीर ने कहा, "मोहिंदर अमरनाथ जी ने 1983 विश्व कप सेमीफाइनल और फाइनल में MOM पुरस्कार जीता था, क्या आप यह जानते हैं और क्या किसी ने 1983 विश्व कप ट्रॉफी के साथ उनकी तस्वीर देखी है?", जब आप 1983 की बात करते हैं, तो कपिल देव की तस्वीर है हर जगह। इसे ट्रॉफी के साथ दिखाया गया है। हमारे पास मीडिया, प्रसारक पीआर का काम कर रहे हैं... वे एक टीम के बजाय एक खिलाड़ी को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।'