RRB-NTPC परीक्षा को लेकर गुस्से में क्यों हैं छात्र, जानिए पूरा मामला
रेलवे बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (RRB-NTPC) के रिजल्ट में धांधली के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन हिंसक रूप धारण कर चुका है। कल रेल मंत्री ने प्रदर्शनकारी छात्रों से शांति की अपील की थी। गया में प्रदर्शनकारी छात्रों ने रेल की बोगियों में आग लगा दी थी। क्या वजह है छात्रों के गुस्से की और रेलवे के खिलाफ क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं। जानिए पूरा मामला। प्रदर्शनकारी छात्र आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं।
रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (RRB-NTPC) की परीक्षा 2021 परिणाम 14-15 जनवरी को जारी किए गए थे। इन परीक्षाओं में 1 करोड़ 40 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे और नतीजे आने के बाद से ही छात्रों के बीच असंतोष का मुद्दा छाया हुआ है। इसके विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। ये विरोध बिहार और देश के कई राज्यों में किया जा रहा है।
रेलवे ने परीक्षा टाली : रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड्स (RRB) रेलवे में भर्ती से जुड़ी परीक्षाओं का आयोजनकरता है। जिन परीक्षाओं को लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश के छात्रों में रोष है वो दो परीक्षाएं हैं, जिनके बारे में छात्रों को पता एक ही विज्ञापन से चला था। RRB NTPC यानी 'रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड नॉन टेक्निकल पॉपुलर केटेगरी' परीक्षा के आधार पर अलग-अलग पे-ग्रेड पर, करीब 35 हजार नौकरियां लगनी थीं।
इन नौकरियों के लिए 2019 में आवेदन मांगे गए थे। उसी वर्ष सितंबर में परीक्षा होनी थी। पहले परीक्षा की तारीख मार्च 2020 की गई और फिर कोरोना के कारण ये परीक्षा फिर टल गई। दिसंबर 2020 से जुलाई 2021 के बीच देशभर में इस भर्ती के लिए पहले चरण की परीक्षा हुई। उसी परीक्षा के नतीजे 14 जनवरी 2022 को घोषित किए गए। अब इसके दूसरे चरण की परीक्षा 15 फरवरी 2022 को होनी है। प्रदर्शनों के कारण इस परीक्षा को भी आगे बढ़ा दिया गया है।
रेलवे ने किया कमेटी का गठन : हिंसक होते प्रदर्शनों के बीच रेलवे प्रवक्ता ने बुधवार को जानकारी दी कि रेलवे ने एक समिति का गठन किया गया है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी और दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी। इस कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया है। जांच के बाद कमेटी 4 मार्च तक अपनी सिफारिश प्रस्तुत करेगी।
रेल मंत्री ने छात्रों को दिया आश्वासन : हिंसक होते छात्रों से रेल मंत्री ने शांति की अपील की। प्रेस कन्फ्रेंस में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हमें एक समाधान खोजना होगा कि जिन लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, वे पीड़ित न हों, लेकिन जिन्हें... शिकायतें हैं, उन्हें भी संबोधित किया जाए। कानून और व्यवस्था राज्यों की भूमिका है, हम राज्यों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
छात्रों से अनुरोध है कि वे अपनी मांगों को औपचारिक रूप से रखें। हम इसकी जांच करेंगे। मैं अपने छात्र मित्रों से निवेदन करना चाहूंगा कि रेलवे आपकी संपत्ति है, आप अपनी संपत्ति को संभालकर रखें। आपकी जो शिकायतें और बिंदु अब तक उभर कर आए हैं उन सबको हम गंभीरता से देखेंगे। कोई भी छात्र कानून को हाथ में न लें।