क्या है ULI, इससे कैसे आसानी से एक क्लिक पर मिलेगा लोन?
Unified landing interface : भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) वित्तीय सेवाओं के डिजिटलीकरण की सफलता से उत्साहित होकर विशेष रूप से छोटे और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए ऋण का सहज प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए यूनिफाइड लैंडिंग इंटरफेस (ULI) लाने जा रहा है। यूएलआई छोटे और ग्रामीण उधारकर्ताओं के लिए साख मूल्यांकन में लगने वाले समय को कम करेगा।
क्या है ULI : भारत में डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव के बाद रिजर्व बैंक लोन लेने वालों के लिए भी यूपीआई की तरह एक प्लेटफॉर्म लांच कर रहा है। इससे यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) नाम दिया गया है। इससे लोन लेना बहुत आसान हो जाएगा। पिछले साल, रिजर्व बैंक ने 2 राज्यों में आसान ऋण को सक्षम बनाने वाले प्रौद्योगिकी मंच की पायलट परियोजना शुरू की थी। इसका फोकस किसान क्रेडिट कार्ड लोन, डेयरी लोन, MSME लोन, पर्सनल लोन और होम लोन था। परियोजना सफल होने के बाद अब इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।
कैसे करेगा काम : आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि अब से हम इस मंच को यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) का नाम देने का प्रस्ताव रखते हैं। यह मंच कई डेटा सेवा प्रदाताओं से ऋणदाताओं तक विभिन्न राज्यों के भूमि रिकॉर्ड सहित डिजिटल जानकारी के निर्बाध और सहमति-आधारित प्रवाह की सुविधा प्रदान करता है।
यूएलआई पर रिजर्व बैंक द्वारा स्वीकृत सभी लोन एप होंगे। ग्राहक यहां लोन के लिए आवेदन करेंगे। अपने बैंक खाते का विवरण यहां देंगे। लोन अप्रूव होने के बाद एप पर सिक्यूरिटी पीन डालना होगा और पैसा खाते में आ जाएगा।
क्या होगा फायदा : आरबीआई गवर्नर ने कहा कि यूएलआई ढांचा विभिन्न स्रोतों से जानकारी तक डिजिटल पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्लग एंड प्ले नजरिये के हिसाब से बनाया गया है। इससे कई तकनीकी एकीकरण की जटिलता कम हो जाती है। इससे कर्ज लेने वालों को बहुत अधिक दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होती तथा उन्हें ऋण की निर्बाध आपूर्ति का लाभ मिलता है।
दास ने कहा कि ग्राहक के वित्तीय और गैर-वित्तीय ब्योरे तक पहुंच को डिजिटल बनाकर यूएलआई से विभिन्न क्षेत्रों खासकर कृषि और एमएसएमई के लिए कर्ज की बड़ी अधूरी मांग को पूरा करने की उम्मीद है।
क्या है RBI को उम्मीद : रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि ULI से देश में लोन क्रांति आएगी। इससे छोटे लोन लेना आसान हो जाएगा और जल्द ही यह भी यूपीआई की तरह ही देश भर में लोकप्रिय हो जाएगा। केंद्रीय बैंक को इससे इंस्टैट लोन एप का मायाजाल टूटने की भी उम्मीद है।
Edited by : Nrapendra Gupta