नई दिल्ली। महंगाई के मोर्चे से राहतभरी खबर आई है। खुदरा मुद्रास्फीति दर नवंबर में घटकर 11 महीने के निचले स्तर 5.88 प्रतिशत पर आ गई जबकि अक्टूबर में यह 6.77 प्रतिशत थी। सोमवार को सरकार की ओर से इससे जुड़े आंकड़े जारी किए गए। जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान औसत मुद्रास्फीति 6.3 प्रतिशत थी, अप्रैल-जून की अवधि में यह 7.3 प्रतिशत थी और सितंबर तिमाही में यह घटकर 7 प्रतिशत हो गई थी।
खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर 2022 में गिरकर 5.88 प्रतिशत रही, जिससे नीतिगत ब्याज दर में रिजर्व बैंक द्वारा लगातार वृद्धि दर थमने की उम्मीद जगी है।
सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 11 महीनों में खुदरा महंगाई का सबसे निम्न स्तर है। इससे पिछले महीने अक्टूबर में खुदरा महंगाई 6.77 प्रतिशत थी।
संख्यायिकी एवं क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा आज यहां जारी एक अन्य आंकड़े के अनुसार अक्टूबर 2022 में विनिर्माण क्षेत्र में बड़े संकुचन के चलते औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन सालाना आधार पर 4 प्रतिशत नीचे रहा।
खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2021 के बाद पहली बार 6 प्रतिशत के रिजर्व बैंक के ऊपरी स्वीकार दायरे से नीचे आई है। सरकार ने रिर्जव बैंक को खुदरा मुद्रास्फिति 2 से 6 प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए नीतिगत ब्याज दर (रेपो) को चालू वित्त वर्ष में लगातार 2.25 प्रतिशत बढ़ा चुका है। इसी माह 0.35 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 6.25 प्रतिशत के साथ हैं।
मुद्रास्फीति में नवंबर में नरमी से उम्मीद है कि रिजर्व बैंक का कर्ज महंगा के लिए रेपो दर में वृद्धि करने का सिलसिला थम सकता है।
आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की पिछली बैठक के बाद कहा था कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में खुदारा मुद्रास्फीति 6.7 के आसपास रह सकती है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में खुदारा मुद्रास्फीति 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
नवंबर 2022 में खुदारा मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने अक्टूबर 7.01 प्रतिशत की तुलना 4.67 प्रतिशत पर आ गई।
नवंबर में सब्जियों और खाद्य तेल के भाव पिछले वर्ष की तुलना में क्रमश 8.08 और 0.63 प्रतिशत नीचे रहे। लेकिन मसालों का भाव सालाना आधार पर 19.52 प्रतिशत और अनाज तथा अनाज के उत्पादों के दाम 12.9 प्रतिशत, दूध 8.16 प्रतिशत और दालें 3.15 प्रतिशत महंगी हुई हैं।
औद्योगिक उत्पादों के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में औद्योगिक सूचकांक पिछले साल इसी माह से 4 प्रतिशत घटकर 129.6 रहा। अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन में 4.2 की वृद्धि दर थी।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के बीच औद्योगिक 5.3 प्रतिशत बढ़ा है जबकि पिछले वित्त वर्ष में औद्योगिक वृद्धि दर 20.5 प्रतिशत थी।
आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट के कारण औद्योगिक उत्पादन सूचकांक नीचे आया है। अक्टूबर में विनिर्माण क्षेत्र में 5.6 प्रतिशत संकुचन दर्ज किया गया है जबकि खनन क्षेत्र में 2.5 प्रतिशत, बिजली उत्पादन में 1.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई।
इससे पिछले महीने अक्टूबर में विनिर्माण क्षेत्र में सालाना आधार पर 3.3 प्रतिशत खनन में 11.5 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में एक साल पहले की तुलना में 3.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। वार्ता Edited by Sudhir Sharma