Moody's का आकलन, महामारी के चलते मंदी से एशिया-प्रशांत की कंपनियों पर पड़ेगा दबाव
नई दिल्ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने गुरुवार को कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण आई वैश्विक मंदी एशिया-प्रशांत क्षेत्र की गैर-वित्तीय कंपनियों पर दबाव डालना जारी रखेगी। उसने कहा कि नकारात्मक ऋण रुझान 2020 की बाकी अवधि में भी जारी रहेगा।
उसने कहा कि हालांकि उन्नत और उभरते दोनों बाजारों में राजकोषीय और मौद्रिक प्रोत्साहन कार्यक्रमों ने वित्तीय बाजारों को स्थिर करने में मदद की है और कंपनियों को अस्थायी राहत प्रदान की है।
उसने कहा कि कंपनियों के परिचालन प्रदर्शन और वित्तपोषण की क्षमता वित्तीय बाजार के झटके की चपेट में हैं, खासकर यदि संक्रमण की एक दूसरी लहर के कारण नए सिरे से लॉकडाउन लगाए जाते हैं। मूडीज समूह की क्रेडिट ऑफिसर एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्लारा लाउ ने कहा कि हमारा अनुमान है कि इस मंदी से उबरने में लंबा समय लगेगा।
हालांकि लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील से साल की दूसरी छमाही में क्रमिक वापसी को समर्थन मिलना चाहिए। इस बीच मूडीज ने 3 सरकारी बीमा कंपनियों में सरकार के द्वारा 12,450 करोड़ रुपए की पूंजी डाले जाने को क्रेडिट पॉजिटिव बताया। (भाषा)