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Last Updated : मंगलवार, 6 अप्रैल 2021 (19:53 IST)

2021-22 में 12.5 फीसदी पर पहुंच सकती है भारत की विकास दर, IMF ने अपने पूर्व के अनुमान में किया सुधार

2021-22 में 12.5 फीसदी पर पहुंच सकती है भारत की विकास दर, IMF ने अपने पूर्व के अनुमान में किया सुधार - imf growth outlook indian economy to grow by 12.5 pc expects international monetary fund
वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने मंगलवार को 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर तेजी से बढ़कर 12.5 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। यह वृद्धि दर चीन के मुकाबले भी अधिक होगी। हालांकि चीन एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था रहा है, जिसकी वृद्धि दर 2020 में महामारी के दौरान भी सकारात्मक रही।
आईएमएफ ने अपने सालाना वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा कि 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत के आसपास आ जाएगी। मुद्राकोष ने विश्वबैंक के साथ होने वाली सालाना बैठक से पहले यह रिपोर्ट जारी की है।
मुद्राकोष ने कहा कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकार्ड 8 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन इस साल वृद्धि दर 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो काफी बेहतर है।
 
वहीं चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.6 प्रतिशत तथा 2022 में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। चीन की पिछले साल वृद्धि दर 2.3 प्रतिशत रही और वह कोविड-19 महामारी के दौरान भी सकारात्मक आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाला दुनिया का एकमात्र बड़ा देश रहा है।
 
आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि हम वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए पूर्व के अनुमान के मुकाबले मजबूत पुनरूद्धार की उम्मीद कर रहे हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2021 में 6 प्रतिशत और 2022 में 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पिछले साल यानी 2020 में विश्व अर्थव्यवस्था में 3.3 प्रतिशत की गिरावट आई।
 
उन्होंने रिपोर्ट की भूमिका में लिखा है कि हालांकि जो परिदृश्य है, उसमें पुनरुद्धार को लेकर विभिन्न देशों और देशों के भीतर जो गति है, वह अलग-अलग है। साथ ही संकट के कारण आर्थिक नुकसान को लेकर जोखिम अभी बना हुआ है। इससे हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं।
 
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.3 प्रतिशत की गिरावट अक्टूबर 2020 में जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुमान की तुलना में 1.1 प्रतिशत अंक कम है। यह बताता है कि साल की दूसरी छमाही में ज्यादातर क्षेत्रों में ‘लॉकडाउन’ में ढील के बाद वृद्धि दर अनुमान से बेहतर रही है। साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि अर्थव्यवस्था ने कामकाज के नये चलन को स्वीकार कर लिया है।
 
रिपोर्ट के अनुसार 2021 और 2022 का अनुमान अक्टूबर 2020 में विश्व आर्थिक परिदृश्य की तुलना में क्रमश: 0.8 प्रतिशत और 0.2 प्रतिशत अधिक है। यह कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में राजकोषीय समर्थन तथा टीकाकरण के साथ पुनरूद्धार में तेजी को प्रतिबिंबित करता है। इसमें कहा गया है कि मध्यम अवधि में वैश्विक वृद्धि दर कुछ नरम पड़कर 3.3 प्रतिशत रह सकती है।
 
गोपीनाथ ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और कई देशों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुनरूद्धार की गति देशों के बीच और देशों के भीतर अलग-अलग है। टीकाकरण को तेजी से क्रियान्वित नहीं करना, पर्याप्त नीतिगत समर्थन का अभाव और पर्यटन पर अधिक निर्भरता वाले देशों में यह अंतर ज्यादा है।
 
गोपीनाथ ने कहा कि नीति निर्माताओं को महामारी पूर्व स्थिति की तुलना में सीमित नीतिगत उपायों तथा उच्च कर्ज के साथ अपनी अर्थव्यवस्था को निरंतर समर्थन देने की जरूरत होगी।
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