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Last Updated : रविवार, 10 जनवरी 2021 (22:23 IST)

कोरोना संकट के बीच महंगाई का झटका ; साबुन, तेल और पैकेटबंद सामानों की कीमत में होगा इजाफा

कोरोना संकट के बीच महंगाई का झटका ; साबुन, तेल और पैकेटबंद सामानों की कीमत में होगा इजाफा - fmcg company look to hike prices to offset inflationary pressure on raw material inputs
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को तेल, साबुन, दंतमंजन जैसे रोजमर्रा के उपयोग वाले सामान पर अधिक खर्च करना पड़ सकता है। इनका उत्पादन करने वाली कंपनियां कच्चे माल के दाम बढ़ने की वजह से अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने पर विचार कर रही हैं।
 
इनमें से कुछ कंपनियों ने तो पहले ही दाम बढ़ा दिए हैं जबकि कुछ अन्य करीब से स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और मामले पर गौर कर रही हैं। रोजमर्रा के उपभोग का सामान बनाने वाली एफएमसीजी मैरिको तथा कुछ अन्य पहले ही दाम बढ़ा चुकीं हैं, जबकि डाबर, पारले और पतंजलि जैसी अन्य कंपनियां स्थिति पर करीब से निगाह रखे हुए हैं।
 
नारियल तेल, दूसरे खाद्य तेलों और पॉम तेल जैसे कच्चे माल का दाम बढ़ने से एफएमसीजी कंपनियां पहले तो इस वृद्धि को खुद ही खपाने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन वे लंबे समय तक अपने उत्पादों के दाम को स्थिर नहीं रख पाएंगी क्योंकि ऐसा करने से उनके सकल मार्जिन पर असर पड़ सकता है।
 
पारले प्राडक्ट्स के वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा कि पिछले तीन-चार माह के दौरान हमने खाद्य तेल जैसे सामान में उल्लेखनीय वृद्धि को देखा है। इससे हमारे मार्जिन और लागत पर असर पड़ रहा है। फिलहाल हमने कोई मूल्य वृद्धि नहीं की है, लेकिन हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं और यदि कच्चे माल में वृद्धि का क्रम जारी रहता है तो फिर हम दाम बढ़ाएंगे।
 
उनसे जब मूल्यवृद्धि के बारे में पूछा गया तो शाह ने कहा कि यह सभी उत्पादों में होगी क्योंकि खाद्य तेल का इस्तेमाल सभी उत्पादों में होता है। यह वृद्धि कम से कम 4 से 5 प्रतिशत की हो सकती है।
 
डाबर इंडिया के मुख्य वित्तीय अधिकारी ललित मलिक ने कहा कि हाल के महीनों में कुछ खास सामानों जैसे कि आंवला और सोने के दाम में वृद्धि देखी गई है। आने वाले समय में हमें कुछ प्रमुख जिंसों में महंगाई बढ़ने की संभावना लगती है। हमारा प्रयास होगा कि कच्चे माल के दाम की वृद्धि को खुद ही वहन करें और केवल कुछ चुने मामलों में ही न्यायोचित मूल्य वृद्धि होगी। यह वृद्धि बाजार की प्रतिस्पर्धा को देखते हुए भी तय हो सकती है।
 
हरिद्धार स्थित पतंजलि आयुर्वेद से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि वह फिलहाल ‘देखो और प्रतीक्षा करो’ की स्थिति में है और अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि उन्होंने भी संकेत दिया कि वह भी उसी दिशा में आगे बढ़ रही है।
 
पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने कहा कि हमारी कोशिश हमेशा यही रहती है कि बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव से बचा जाए लेकिन बाजार परिस्थितियां यदि मजबूर करती हैं तो हम उस पर अंतिम निर्णय लेंगे।
 
सफोला और पैराशूट नारियल तेल जैसे ब्रांड बनाने वाले मैरिको ने कहा कि उन पर महंगाई का दबाव है और इसलिए उन्हें प्रभावी मूल्य वृद्धि का कदम उठाना पड़ा।
 
एडेलवेइस फाइनेंसियल सविर्सिज के कार्यकारी उपाध्यक्ष अबनीश रॉय ने कहा कि पाम तेल, नारियल, खाद्य तेलों जैसे कई कच्चे माल के दाम हाल के दिनों में बढ़े हैं। ऐसे में उपभोक्ता सामान बेचने वाली कंपनियों के लिए 2021 में मूल्य वृद्धि का दौर लौटेगा।
 
होम एप्लायंसेस के दामों में बढ़ोतरी : कच्चे माल की कीमत में बढ़ोतरी के चलते एलईडी टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और दूसरे कुछ होम एप्लायंसेस की कीमतें 10 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। कंज्यूमर ड्यरेबल बनाने वाली कंपनियों ने इसकी घोषणा पिछले साल यानी दिसंबर में ही कर दी थी। 
 
मैन्युफैक्चरर्स का कहना है कि ग्लोबल वेंडर्स से सप्लाई कम होने की वजह से टीवी पैनल्स की कीमतों में 200 फीसदी की वृद्धि हुई है, वहीं क्रूड की कीमतें बढ़ने के चलते प्लास्टिक भी महंगी हो गई है। इसके चलते जनवरी से पैनासोनिक इंडिया, एलजी और थॉमसन ने अपने उत्पादों की कीमत बढ़ाने का फैसला किया था। ( इनपुट भाषा)
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