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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 12 अगस्त 2024 (20:23 IST)

Retail Inflation : 5 साल के निचले स्तर पर आई महंगाई, क्या अब ब्याज दरें घटाएगा RBI ?

Retail Inflation : 5  साल के निचले स्तर पर आई महंगाई, क्या अब ब्याज दरें घटाएगा RBI ? - economy retail inflation at 5 year low with 3.5 percent in july 2024
economy retail inflation : खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी और तुलनात्मक आधार प्रभाव के कारण खुदरा महंगाई जुलाई में घटकर 3.54 प्रतिशत पर आ गई। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। करीब 5 साल में यह पहला मौका है जब मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे आई है। सितंबर 2023 से मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। 
 
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 अगस्त को घरों में महंगाई की बढ़ती उम्मीदों पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि मुख्य मुद्रास्फीति में गिरावट मौद्रिक रुख में बदलाव का कारण नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 8 अगस्त को अपनी नीतिगत बैठक में लगातार नौवीं बार नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था।
 
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जून में 5.08 प्रतिशत थी। जबकि बीते साल जुलाई में यह 7.44 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई जुलाई में 5.42 प्रतिशत रही। यह जून में 9.36 प्रतिशत थी। इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर, 2019 में चार प्रतिशत के नीचे रही थी।
सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। आंकड़ों के अनुसार दूध और दूध उत्पादों की वार्षिक मुद्रास्फीति 2.99 प्रतिशत और फल के मामले में 3.84 प्रतिशत रही। वहीं मसाले में 1.43 प्रतिशत की गिरावट जबकि तेल और वसा में 1.17 प्रतिशत की गिरावट रही। एनएसओ ने कहा कि सब्जियों की मूल्य वृद्धि की दर 6.83 प्रतिशत और अनाज तथा अनाज और उत्पादों की 8.14 प्रतिशत थी। ईंधन और प्रकाश खंड में महंगाई दर में 5.48 प्रतिशत की गिरावट रही।
 
एनएसओ के आंकड़ों से यह भी पता चला कि ग्रामीण भारत में मुद्रास्फीति राष्ट्रीय औसत से अधिक 4.1 प्रतिशत थी, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 2.98 प्रतिशत थी। राज्यों में सबसे अधिक मुद्रास्फीति बिहार में 5.87 प्रतिशत और सबसे कम झारखंड में 1.72 प्रतिशत रही।
 
आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में अपेक्षित नरमी देखी गई, जो मुख्य रूप से आधार प्रभाव के कारण है। यह इस महीने के लिए इक्रा के अनुमान से थोड़ा कम है।
 
उन्होंने कहा कि अगस्त-सितंबर 2024 के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान खरीफ फसलों के लिए अच्छा है, हालांकि कुछ राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की घटनाओं से खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। इनपुट भाषा
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