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Last Updated : बुधवार, 3 नवंबर 2021 (22:27 IST)

मोदी सरकार का दिवाली तोहफा, एक झटके में 5 रुपए सस्ता पेट्रोल, डीजल में 10 रुपए की कटौती, कांग्रेस बोली वोट की चोट का असर

मोदी सरकार का दिवाली तोहफा, एक झटके में 5 रुपए सस्ता पेट्रोल, डीजल में 10 रुपए की कटौती, कांग्रेस बोली वोट की चोट का असर - Centre cuts excise duty on petrol, diesel
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिए बुधवार को महत्वपूर्ण कदम उठाया। ईँधन के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपए तथा 10 रुपए की कटौती की। 

कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने को हालिया उपचुनावों में ‘भाजपा की हार’ के कारण उठाया गया कदम बताया।
दिवाली की पूर्व संध्या पर की गई इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को भी कुछ राहत मिलेगी।
 
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि भारत सरकार ने कल से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये और 10 रुपए की कमी करने का एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी।
 
बयान के मुताबिक किसानों ने अपनी कड़ी मेहनत से, ‘लॉकडाउन’ के दौरान भी आर्थिक वृद्धि की गति को बनाए रखा और डीजल पर उत्पाद शुल्क में भारी कमी से उन्हें आगामी रबी सीजन के दौरान प्रोत्साहन मिलेगा।
 
हाल के महीनों में, कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर उछाल देखा गया है। इस वजह से हाल के हफ्तों में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव बढ़ गया है।

वोट की चोट से कम हुए दाम : कांग्रेस ने केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने को हालिया उपचुनावों में ‘भाजपा की हार’ के कारण उठाया गया कदम करार दिया और कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम साल 2014 में संप्रग सरकार के समय की कीमत के बराबर होने चाहिए।
 
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि टैक्सजीवी मोदी सरकार को सबक़ सिखाने के लिए देशवासियों को बधाई। प्रजातंत्र में 'वोट की चोट' से भाजपा को सच का आईना दिखा ही दिया। 
 
उन्होंने सवाल किया कि याद करें कि मई 2014 में जब पेट्रोल 71.41 रुपये व डीजल 55.49 रुपये प्रति लीटर था, तब कच्चा तेल 105.71 डॉलर प्रति बैरल था। आज कच्चा तेल 82 डॉलर प्रति बैरल है। 2014 के बराबर क़ीमत कब होगी?
 
सुरजेवाला ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस सरकार (संप्रग सरकार) के समय पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपए प्रति लीटर था। मोदी सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 32.90 रुपए प्रति लीटर था जो आज 27.90 रुपए प्रति लीटर हुआ है। इसी तरह डीजल पर उत्पाद शुल्क 31.80 रुपए प्रति लीटर था जो अब 21.80 रुपए प्रति लीटर हुआ है। मोदीजी, जुमले नहीं चलेंगे, जो आपने बढ़ाया, वो सारा घटाओ।
 
उन्होंने कहा कि प्यारे देशवासियों, मोदीनॉमिक्स के जुमले समझिए ! इस साल 2021 में पेट्रोल के दाम 28 रुपए और डीजल के दाम 26 रुपए बढ़ाए गए। देश में 14 सीटों पर उपचुनाव हारते ही पेट्रोल और डीजल के रेट को क्रमशः रुपए 5 और 10 रुपए घटाना भी प्रधानमंत्री का दिवाली का तोहफा हो गया है ? हे राम! हद है। 
 
सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिए बुधवार को महत्वपूर्ण कदम उठाया। ईँधन के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपये तथा 10 रुपये की कटौती की।
 
दिवाली की पूर्व संध्या पर की गई इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को भी कुछ राहत मिलेगी।
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