हड़ताल से दूर रहेंगे ये बैंक यूनियन
नई दिल्ली। भारतीय मजदूर संघ से जुड़े बैंक कर्मचारियों की यूनियन, नेशनल आर्गनाईजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल ऑर्गनाईजेशन ऑफ बैंक ऑफीसर्स (एनओबीओ) ने कुछ बैंक यूनियनों की कल की प्रस्तावित हड़ताल को ‘राजनीति प्रेरित’ करार देते हुए कहा कि वह इसमें शामिल नहीं है।
एनओबीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा है कि 28 फरवरी को प्रस्तावित हड़ताल की घोषणा पूरी तरह से राजनीतिक है और इसे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) की हड़ताल कहना सही नहीं होगा होगा। इसमें एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ शामिल नहीं है।
एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्वनी राणा ने कहा कि राणा ने कहा है कि बैंक कर्मचारियों के नए वेतन समझौते के लिये मांग पत्र 15 फरवरी को ही दाखिल किया गया है। बैंकों और कर्मचारियों के बीच हुआ 11वां वेतन समझौता 31 अक्टूबर 2017 को समाप्त होगा।
सरकार ने 1 नवंबर 2017 से नया समझौता लागू करने की बात कही है। ऐसे में हड़ताल का कोई औचित्य नहीं है, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की बेहतर साख के लिए इनमें बार-बार हड़ताल करना ठीक नहीं है।’उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान बैंक कर्मचारियों ने 12 से 18 घंटे काम किया लेकिन कोई दूसरा संगठन उस समय बैंक कर्मचारियों के साथ खड़ा होने नहीं आया। अब जब सब कुछ सामान्य होता जा रहा है तो वाम दलों के समर्थन वाली यूनियनें हड़ताल कर रही हैं। (भाषा)