कर्नाटक में राहुल गांधी निकाल कर लाए कांग्रेस की चुनावी कश्ती, भारत जोड़ो यात्रा ने रखी प्रचंड जीत की नींव
Congress victory in Karnataka:भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी (Rahul gandhi) की यह तस्वीर बीते साल 2 अक्टूबर को चुनावी राज्य कर्नाटक के मैसूर से आई थी जिसमें राहुल गांधी बारिश के बीच एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। बारिश के दौरान राहुल गांधी अपना भाषण देते रहे है और कांग्रेस के कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ अपने नेता का भाषण सुनते रहे।
आज जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है तो इस जीत का पूरा श्रेय़ राहुल गांधी और उनकी भारत जोड़ो यात्रा को दिया जा रहा है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया हैंडल पर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के वीडियो पोस्ट कर जीत का क्रेडि राहुल गांधी को दिया जा रहा है। कर्नाटक से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस के सभी बड़े नेता एक सुर में जीत का सेहरा राहुल गांधी के सिर पर बांध रहे है।
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अगर कांग्रेस राहुल गांधी को कर्नाटक की जीत का श्रेय दे रही है तो इसके कारण है। अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने सबसे अधिक समय (21 दिन) कर्नाटक में ही दिया। कर्नाटक में कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए कांग्रेस ने अपनी पूरी व्यूह रचना तैयार की थी, उसमें भारत जोड़ो यात्रा की बड़ी भूमिका था। अगर कहा जाए कि कर्नाटक में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने राज्य में कांग्रेस की जीत की नींव रख दी, तो गलत नहीं होगा।
कांग्रेस ने कर्नाटक में इमोशन कार्ड खेलते हुए वोटरों को अपने से जोड़ने की कोशिश की थी। भारत जोड़ो यात्रा जब अपने शुरुआती दिनों कर्नाटक पहुंची थी तो सोनिया गांधी भी राहुल गांधी के साथ पदयात्रा करते हुई नजर आई थी। कर्नाटक के मांड्या में भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी भी पदयात्रा करती हुई नजर आई। राहुल गांधी ने पदयात्रा की मां के साथ अपनी तस्वीर ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा कि “हम पहले भी तूफानों से कश्ती निकाल कर लाए हैं, हम आज भी हर चुनौतियों की हदें तोड़ेंगे, मिलकर भारत जोड़ेंगे”।
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वहीं भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी के जूते के फीते को बांधती फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी और अब चुनाव परिणाम बता रहे है इन तस्वीरों ने कर्नाटक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भऱने के साथ जनता को सीधे कांग्रेस से कनेक्ट कर दिया। राहुल के साथ सोनिया गांधी की पदयात्रा ने चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के जमीनी कैडर को रिचार्ज कर दिया।
लगातार चुनावी हार के बीच कर्नाटक की जीत कांग्रेस के साथ राहुल गांधी का मनोबल बढ़ाने वाली है। यह जीत ऐसे समय आई है जब कर्नाटक के कोलार में 2019 में मोदी सरनेम को लेकर दिए बयान को लेकर राहुल गांधी को अपनी संसद सदस्यता गंवानी पड़ी है। कर्नाटक चुनाव के दौरान कांग्रेस ने इस खूब चुनावी मुद्दा बनाया और सत्यमेव जयते आंदोलन शुरु किया। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राहुल गांधी के सहारे सहानुभूति कार्ड खेल कर वोटरों को अपने से जोड़ा।
भारत जोड़ो यात्रा और राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के बाद कर्नाटक वह पहला राज्य था जहां कांग्रेस और भाजपा में आमने-सामने का मुकाबला था और चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को मात देकर एक तरह से राहुल गांधी के नेतृत्व में 2024 की सियासी लड़ाई का शंखनाद कर दिया है।