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Last Modified: बुधवार, 21 अगस्त 2024 (15:07 IST)

चंपई की चाल, झारखंड विधानसभा चुनाव में किसको पहुंचाएंगी फायदा?

champai soren
Jharkhand Assembly Elections 2024 News: झारखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री और झामुमो के नेता चंपई सोरेन (Champai Soren) इस समय राज्य की राजनीति में अलग-थलग पड़ गए हैं। पिछले दिनों उनकी दिल्ली यात्रा भी 'बेअसर' रही। वे इस दौरान भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात नहीं कर पाए। इससे पहले कहा गया था कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। चंपई ने यह भी कहा था कि वे राजनीति से संन्यास भी ले सकते हैं। दिल्ली से लौटने के बाद उन्होंने स्पष्ट कर दिया वे राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे। भाजपा में जाने की अटकलें भी ठंडी पड़ गई हैं। उन्हें 'टाइगर' के नाम से भी जाना जाता है। 
 
किसी समय झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के करीबी रहे चंपई सोरेन का अगला कदम क्या होगा, इसको लेकर उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन माना जा रहा है कि वे नई पार्टी बना सकते हैं और उसी के बैनर तले विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। चंपई को झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख स्तंभ के रूप में जाना जाता है। 
 
क्यों नाराज हैं चंपई : दरअसल, चंपई हेमंत सोरेन के जेल से लौटने के बाद से नाराज हैं क्योंकि उन्हें मुख्‍यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। उनके हटने के बाद ही हेमंत फिर सीएम बन पाए थे। उन्होंने कहा- मुझे अपमानित करके मुख्‍यमंत्री पद से हटाया गया। मुख्यमंत्री पद से हटने के दो दिन पहले ही मेरे सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। मुझे विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। 
भाजपा को मिल सकता है फायदा : यदि चंपई सोरेन झामुमो से बगावत कर नया दल बनाते हैं तो इसका सीधा फायदा भाजपा को ही मिलने वाला है। क्योंकि चुनाव में वे झामुमो के ही वोट काटेंगे। हालांकि उनके भाजपा में जाने की अटकलों पर विराम लग गया है। लेकिन, वे नई राजनीतिक पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं। वर्तमान में चंपई झारखंड की सरायकेला विधानसभा सीट से विधायक हैं। 
 
बताया जा रहा है कि यदि चंपई ‍अलग दल बनाकर चुनाव मैदान में उतरते हैं, तो वे कई सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। क्योंकि हेमंत सोरेन के बाद चंपई झारखंड में दूसरा बड़ा चेहरा है। उन्हें शिबू सोरेन का करीबी माना जाता है। उनकी वफादारी के चलते ही उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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