कर्नाटक में कब मनाई जाएगी हनुमान जयन्ती?
Hanuman Jayanti 2023: वर्ष में 4 बार हनुमान जयंती मनाई जाती है। उत्तर भारत की मान्यता के अनुसार अलग और दक्षिण भारत की मान्यता से अलग हनुमान जयंती मनाई जाती है। कन्नड़ में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल त्रयोदशी तिथि को हनुमान जयंती मनाते हैं। इस बार यह जयंती 24 दिसंबर को मनाई जाएगी।
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ- 24 दिसम्बर 2023 को सुबह 06:24 से।
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 25 दिसम्बर 2023 को सुबह 05:54 तक।
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कन्नड़ में हनुमान जयन्ती:- 24 दिसम्बर 2023 रविवार को
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उत्तर भारत में हनुमान जयन्ती:- 6 अप्रैल 2023 बृहस्पतिवार को
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तमिल में हनुमान जयन्ती:- 11 जनवरी 2023 बृहस्पतिवार को
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तेलुगु में हनुमान जयन्ती:- 14 मई 2023 रविवार को
मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी : कर्नाटक में, मार्गशीर्ष माह के दौरान शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को हनुमान जयन्ती मनायी जाती है। इस दिन को हनुमान व्रतम के नाम से भी जाना जाता है।
ज्येष्ठ माह की दशमी : आंध्र, तेलंगाना या तेलुगु में हनुमान जन्म उत्सव ज्येष्ठ माह की दशमी को मनाया जाता है। यह उत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा से प्रारंभ होता है। कई लोग इसे श्री हनुमानजी के जन्म के रूप में मनाते हैं। हालांकि यह भी कहते हैं कि आंध्र, तेलंगाना या तेलुगु जैसे दक्षिणी क्षेत्रों में, हनुमान जयंती उस दिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है जब भगवान हनुमानजी भगवान राम से मिले थे।
चैत्र शुक्ल पूर्णिमा : कहते हैं कि चैत्र पूर्णिमा को मेष लग्न और चित्रा नक्षत्र में प्रातः 6:03 बजे हनुमानजी का जन्म एक गुफा में हुआ था। मतलब यह कि चैत्र माह में उनका जन्म हुआ था। इस मान्यता को उत्तर भारत में मान्यता प्राप्त है। कहते हैं कि चैत्र माह की तिथि को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप मनाते हैं। इस दिन हनुमानजी सूर्य को फल समझ कर खाने के लिए दौड़े थे, उसी दिन राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आया हुआ था लेकिन हनुमानजी को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें दूसरा राहु समझ लिया। इस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा थी। हालांकि कई विद्वानों का मानना है कि हनुमान जी का जन्म त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में सुबह 6.03 बजे हुआ था।
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानी नरक चतुर्दशी : वाल्मीकि रचित रामायण के अनुसार हनुमानजी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। कहते हैं कि इस तिथि को ही हनुमानजी का जन्मदिवस मनाया जाता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार माता सीता ने हनुमानजी की भक्ति और समर्पण को देखकर उनको अमरता का वरदान दिया था। यह दिन नरक चतुर्दशी का दिन था।