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Last Modified: जम्मू , गुरुवार, 7 नवंबर 2024 (18:37 IST)

370 पर हंगामा, विधायकों में हाथापाई, जम्मू कश्मीर में मचे दंगल की पूरी कहानी

370 पर हंगामा, विधायकों में हाथापाई, जम्मू कश्मीर में मचे दंगल की पूरी कहानी - jammu kashmir assembly mla clash over on 370 restoration
अनुच्छेद 370 को लेकर आज कश्मीर विधानसभा में विधायकों के बीच हाथापाई हुई है। हंगामे के बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद स्पीकर ने कहा कि जो वेल में आए उनको बाहर निकालो। मार्शलों ने कुछ भाजपा विधायकों को विधासभा से बाहर निकाला। कई भाजपाई विधायक जख्मी भी हुए हैं।
 
हंगामा तब शुरू हुआ जब विधानसभा में बारामुल्ला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई और लंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख द्वारा अनुच्छेद 370 पर बैनर दिखाए। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई। बैनर को देखकर भाजपा के विधायक भड़क गए और उन्होंने उनके हाथ से उस पोस्टर को छीन लिया। भाजपा विधायकों ने शेख खुर्शीद के हाथ से पोस्टर लेकर उसे फाड़ दिया। इस दौरान हाथापाई होने लगी और जमकर हंगामा हुआ।
सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे का कॉलर पकड़ा और धक्का-मुक्की की। सदन में हंगामे के बाद पहले विधानसभा की कार्यवाही 20 मिनट फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।  दरअसल, लंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने सदन में आर्टिकल 370 की वापसी का बैनर लहराया। बैनर पर लिखा था कि हम अनुच्छेद 370 और 35ए की बहाली और सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई चाहते हैं। भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इसका विरोध किया। विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
 
भाजपा विधायकों के विरोध का सिलसिला यहीं नहीं थमा। वे सदन के वेल से होते हुए खुर्शीद अहमद शेख के पास पहुंचे और उनके हाथ से बैनर छीन लिया। इस दौरान सज्जाद लोन और वहीद पारा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कुछ अन्य विधायक शेख के समर्थन में भाजपा विधायकों से भिड़ गए।
 
दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हुई। मार्शलों ने आरएस पठानिया सहित कई भाजपा विधायकों को सदन से बाहर निकाला। 3 विधायक घायल हुए। हालांकि इसके बाद भी भाजपा विधायक ‘विशेष दर्जा प्रस्ताव वापस लो’ के नारे लगाते रहे। इस पर स्पीकर ने कहा कि यह विधानसभा है, मछली बाजार नहीं है।
 
गोरखा समुदाय का प्रदर्शन : इस बीच जम्मू में गोरखा समुदाय ने विधानसभा में पारित जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली की मांग वाले प्रस्ताव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और उपमुख्यमंत्री सुरिंदर कुमार चौधरी का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों ने जम्मू क्षेत्र के लिए एक अलग राज्य की मांग की और कहा कि इससे उन्हें अपनी सरकार बनाने का मौका मिलेगा जो उनके हित में फैसले लेगी।
 
जम्मू कश्मीर गोरखासभा की अध्यक्ष करुणा छत्री के नेतृत्व में महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों गोरखाओं ने प्रस्ताव पारित होने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार और “कश्मीर-केंद्रित नेतृत्व” के खिलाफ विरोध रैली निकाली। बुधवार को पारित प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने की मांग की गई थी जो पहले अब निरस्त अनुच्छेद 370 में दिया गया था। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उपमुख्यमंत्री चौधरी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इससे 'उन्हें नागरिकता के अधिकार से वंचित किया जा सकता है।'
नया प्रस्ताव पेश : कश्मीर विधानसभा में कल से जारी हंगामे के बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स कांफ्रेंस और अवामी इतिहाद पार्टी के विधायकों ने आज विधानसभा में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग करते हुए एक नया प्रस्ताव पेश दिया।
 
भाजपा विधायक कल उपमुख्यमंत्री द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे, तभी सज्जाद लोन, वहीद पारा, मीर मुहम्मद फैयाज और शेख खुर्शीद खड़े होकर नया प्रस्ताव पढ़ने लगे। नए प्रस्ताव में लिखा है कि “यह सदन भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को असंवैधानिक और एकतरफा तरीके से हटाने तथा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को लागू करने की कड़ी निंदा करता है। 
 
इन कार्रवाइयों ने जम्मू-कश्मीर से उसका विशेष दर्जा और राज्य का दर्जा छीन लिया, जिससे भारत के संविधान द्वारा इस क्षेत्र और इसके लोगों को मूल रूप से दी गई मूलभूत गारंटी और सुरक्षा कमजोर हो गई। “यह सदन स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को उनके मूल, अपरिवर्तित रूप में तत्काल बहाल करने की मांग करता है, और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 द्वारा शुरू किए गए सभी परिवर्तनों को वापस लेने की मांग करता है। 
 
हम भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि वह जम्मू और कश्मीर की विशिष्ट पहचान, संस्कृति और राजनीतिक स्वायत्तता को बनाए रखने के उद्देश्य से सभी विशेष प्रावधानों और गारंटियों को बहाल करके जम्मू और कश्मीर की संवैधानिक और लोकतांत्रिक पवित्रता का सम्मान करे। विधानसभा अध्यक्ष अब्दुर रहीम राथर ने गुरुवार को सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी, क्योंकि विपक्ष शांत होने से इनकार कर रहा था। 
 
भाजपा कल सरकार द्वारा लाए गए विशेष दर्जे के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग कर रही है, जिसे पारित भी कर दिया गया था। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा नेताओं ने सदन में कल पारित विशेष दर्जे के प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की। हालांकि सत्ता पक्ष के नेताओं, खासकर जम्मू के नेताओं ने इसका विरोध किया। 
उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने भाजपा पर “दोहरे मानदंड” अपनाने और पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर को बर्बाद करने का आरोप लगाया। चौधरी ने चिल्लाते हुए कहा कि आपने जम्मू की जमीन बेच दी, आपने जम्मू में सब कुछ बेच दिया, आप जम्मू में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार हैं। 
 
खाद्य मंत्री सतीश शर्मा ने भी भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि सदन को अपना काम करने दें। “आपको सांबा, कठुआ और जम्मू के लोग जवाबदेह ठहराएंगे। कश्मीर और जम्मू को मत बांटो। कश्मीर और जम्मू के बीच दरार के पीछे आप ही कारण हैं। क्या आप और विभाजन चाहते हैं? भारतीय संविधान जिस मेज पर रखा गया था, उस पर चढ़कर आप भारतीय लोकतंत्र के चौंपियन होने का दावा करते हैं। भारतीय संविधान की प्रतियों का अपमान करने के लिए आपको दंडित किया जाना चाहिए। जम्मू को कश्मीर से अलग नहीं किया जा सकता। हमें कश्मीर, जम्मू और यहां तक कि लद्दाख को भी साथ लेकर चलना है। 
विधायक प्यारेलाल ने भी विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि धार्मिक नारे लगाने से आप यहां वफादारी नहीं जीत सकते। आइए और साथ में जम्मू घूमें, मैं आपको बताऊंगा कि विशेष दर्जे पर प्रस्ताव पारित होने से जम्मू के लोग कितने खुश हैं। अलग जम्मू का आपका सपना कभी पूरा नहीं होगा। इसे याद रखें।
 
स्पीकर ने विपक्ष से सीटों पर बैठने के लिए बार-बार अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और इसकी बजाय सदन में कल पारित प्रस्ताव को हटाने की मांग की। सदन के नेता उमर अब्दुल्ला चुपचाप कार्यवाही देखते रहे। जब विपक्ष ने सीटों पर बैठने से इनकार कर दिया, तो स्पीकर ने सदन को कल तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
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