Highlights
* क्रांतिकारी राष्ट्रसंत तरुणसागर महाराज के बारे में जानें।
* मुनिश्री तरुणसागर जी का जीवन परिचय।
* मुनिश्री तरुणसागर जी की पुण्यतिथि।
Muni Tarun Sagar: 01 सितंबर को विश्वभर में कड़वे प्रवचन के लि प्रसिद्ध रहे दिगंबर जैन पंथ के क्रांतिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुण सागर जी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है। जैन धर्मावलंबियों के अनुसार भारत सहित 122 देशों में जी टीवी के माध्यम से 'महावीर वाणी' के विश्वव्यापी प्रसारण की ऐतिहासिक शुरुआत करने का प्रथम श्रेय मुनिश्री तरुणसागरजी को ही दिया जाता है। और जैन मुनि के रूप में विख्यात तरुणसागर जी को अपने सत्य प्रवचन की शैली या कड़वे प्रवचन के कारण ही 'क्रांतिकारी संत' कहा जाता है। पूरा विश्व उनके समृद्ध आदर्शों, करुणा और समाज के प्रति दिए गए योगदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा और उनके कड़वे प्रवचन और नेक शिक्षाएं हमें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।
आइए जानते हैं उनके बारे में 25 खास बातें....
जीवन परिचय-
1. पूर्व नाम- पवन कुमार जैन (मुनिश्री तरुणसागरजी)
2. माता-पिता- श्रीमती शांतिबाई जैन एवं प्रताप चन्द्र जैन
3. जन्म तिथि- 26 जून 1967
4. जन्म स्थान- ग्राम गुहजी, जि. दमोह (मप्र)
5. लौकिक शिक्षा- माध्यमिक शाला तक
6. गृहत्याग- 8 मार्च 1981
7. क्षुलल्क दीक्षा- 18 जनवरी 1982, अकलतरा (छत्तीसगढ़)
8. मुनि दीक्षा- 20 जुलाई 1988, बागीदौरा (राज.)
9. दीक्षा गुरु- आचार्य मुनिश्री पुष्पदंतसागरजी महाराज
10. लेखन- हिन्दी
11. बहुचर्चित कृति- मृत्युबोध
12. मानद उपाधि- प्रज्ञा श्रमण आचार्यश्री पुष्पदंत सागरजी द्वारा प्रदत
13. मुख्य पत्र- अहिंसा महाकुंभ (मासिक)
14. दिल्ली के लाल किले से संबोधन देने वाले राष्ट्र के प्रथम मुनि।
15. सम्मान- 6 फरवरी 2002 को मप्र शासन द्वारा 'राजकीय अतिथि' का दर्जा।
16. सम्मान- 2 मार्च 2003 को गुजरात सरकार द्वारा 'राजकीय अतिथि' का सम्मान।
17. राष्ट्रसंत- मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 26 जनवरी 2003 को दशहरा मैदान, इंदौर में
18. जीवन जीने की कला का प्रशिक्षण देने में महारत।
19. संगठन- तरुण क्रांति मंच, केंद्रीय कार्यालय दिल्ली, देशभर में इकाइयां
20. प्रणेता- 'आनंद यात्रा' कार्यक्रम के प्रणेता, तनाव मुक्ति का अभिनव प्रयोग
21. मिशन- भगवान महावीर और उनके संदेश 'जियो और जीने दो' का विश्वव्यापी प्रचार एवं प्रसार।
22. पहचान- देश में सर्वाधिक सुने और पढ़े जाने वाले तथा दिल और दिमाग को झकझोर देने वाले अद्भुत प्रवचनों की श्रृंखला में कई किताबों का प्रकाशन।
23. आंदोलन- कत्लखानों और मांस निर्यात के विरोध में निरंतर अहिंसात्मक राष्ट्रीय आंदोलन।
24. साहित्य- 3 दर्जन से अधिक पुस्तकें उपलब्ध और उनकी हर वर्ष लगभग 2 लाख प्रतियों का प्रकाशन।
25. निधन- मुनिश्री तरुण सागर जी महाराज का निधन 51 वर्ष की आयु में 01 सितंबर 2018, शनिवार को तड़के 3.18 बजे दिल्ली के राधापुरी जैन मंदिर में हुआ था।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।