जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई से शुरू, दर्शन से मिलता 1000 यज्ञों का पुण्य, जानें महत्व
Jagannath Puri Rath Yatra 2024:इस बार 07 जुलाई 2024 रविवार को यह रथ यात्रा निकलेगी। 17 जुलाई 2024 को यात्रा गुंडिचा मंदिर जाकर पुन: लौट आएगी। इस यात्रा में शामिल होने के लि देश विदेश से लाखों भक्त आएंगे। ऐसा कहा जाता है कि इस यात्रा में शामिल होने और यात्रा के दर्शन करने का 1000 यज्ञों का पुण्य मिलता है। आप यदि रथ यात्रा में शामिल नहीं हो पाएं तो दर्शन लाभ लेकर ही पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
कैसे हों रथ यात्रा में शामिल?
क्या है रथ खींचने के नियम?
रथ यात्रा में तीन रथ होती हैं। एक जगन्नाथजी का, दूसरा बलरामजी का और तीसरा सुभद्रा जी का। तीनों रथों को खींचकर 3 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है जहां भगवान 10 दिनों तक आराम करने के बाद 11वें दिन पुन: जगन्नाथ मंदिर लौट आते हैं। भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने को लेकर कोई भी नियम नहीं है। किसी भी धर्म, जाति, प्रांत या देश का व्यक्ति रख खींच सकता है। इसे कोई भी भक्त खींच सकता है। क्रम से सभी रथ की रस्सी को खींचते हैं। माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने वाला जीवन काल के चक्र से मुक्त हो जाता है।
ALSO READ: जगन्नाथ रथ यात्रा देखने जा रहे हैं तो आस-पास इन जगहों पर भी जा सकते हैं घूमने
रथ यात्रा में शामिल होने का महत्व :-
स्कंद पुराण के अनुसार जो भी भक्त रथ यात्रा में श्री जगन्नाथ जी के नाम का कीर्तन करता हुआ गुंडीचा मंदि तक जाता है, वह पुनर्जन्म चक्र से मुक्त हो जाता है। उसकी इस जन्म की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। रथ खिंचने से संतान संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती है। पुरी को धरती का बैकुंठ कहा गया है। इस नगर के दर्शन करने मात्र से ही पाप नष्ट हो जाते हैं।
ALSO READ: जगन्नाथ पुरी में कितने देवी-देवता विराजमान हैं, कौन हैं यहां के रक्षक देव