महेंद्र सिंह धोनी के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बाद विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक का अंतरराष्ट्रीय करियर भले ही परवान नहीं चढ़ा हो लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से इस खेल के प्रशंसकों के दिलों पर राज किया।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्तिक ने बुधवार को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ एलिमिनेटर मैच में हार के बाद अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल करियर को अलविदा कह दिया। आईपीएल ऐसा मंच है जहां कार्तिक की मांग कभी कम नहीं हुई।
अपने 20 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कई बार टीम से अंदर-बाहर होने वाले कार्तिक ने भारत के लिए 26 टेस्ट, 94 एकदिवसीय और 60 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।पिछले कुछ समय से कमेंटेटर की भूमिका निभाने वाले कार्तिक ने 38 साल की उम्र में भी विकेट के पीछे अपनी फिटनेस और बल्ले से चतुराई भरे शॉट खेल कर खुद को आज के दौर में भी प्रासंगिक बनाये रखा।
आईपीएल के इस सत्र में बल्ले से दमखम दिखाने के बाद कार्तिक ने खुद को राष्ट्रीय टीम के लिए उपलब्ध करार दिया था लेकिन भारतीय चयनकर्ताओं ने युवा प्रतिभा को मौका देने का मन बना लिया था।
कार्तिक ने इस साल फरवरी मार्च में भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट श्रृंखला के दौरान संन्यास लेने का मन बना लिया था लेकिन उनकी योजना के बारे में दुनिया को तब पता चला जब इंग्लैंड के माइकल एथरटन ने एक पॉडकास्ट में गलती से इसका खुलासा कर दिया।
कार्तिक 2008 में आईपीएल शुरू होने के बाद से इसका अहम हिस्सा रहे हैं। उन्होंने इसके 17 सत्र में छह टीमों का प्रतिनिधित्व किया और 5000 से ज्यादा रन बनाये है। विकेट के पीछे भी उन्होंने 145 कैच लपकने के साथ 37 स्टंपिंग किये हैं। वह 2013 में आईपीएल चैम्पियन बनने वाली टीम मुंबई इंडियंस का हिस्सा थे।
उन्होंने इस दौरान कई क्रम पर बल्लेबाजी की लेकिन आरसीबी के साथ पिछले तीन साल से फिनिशर की भूमिका में प्रभावशाली प्रदर्शन किया। बड़े शॉट खेलने वाले बल्लेबाजों के बीच में कार्तिक ने अपनी चतुराई से गेंद को दो क्षेत्ररक्षकों के बीच से निकाल कर बाउंड्री लगाना जारी रखा।
उन्होंने 2022 आईपीएल सत्र में 183 के स्ट्राइक रेट से 330 रन बनाकर टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में वापसी की लेकिन यह राष्ट्रीय टीम के साथ उनका आखिरी टूर्नामेंट साबित हुआ।
तमिलनाडु के इस खिलाड़ी ने महज 19 साल की उम्र में भारतीय टीम के लिए एकदिवसीय में पदार्पण किया था। उन्होंने इस मैच में इंग्लैंड के तत्कालीन कप्तान माइकल वॉन को शानदार तरीके से स्टंप कर इस मैच को हमेशा के लिए यादगार बना दिया था।उन्होंने इसके तीन महीने बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया, लेकिन खराब प्रदर्शन और धोनी के उदय के कारण उनका अंतरराष्ट्रीय करियर कभी रफ्तार नहीं पकड़ा।
धोनी की जगह अंतिम एकादश में तय होने के कारण कार्तिक को 2007 में इंग्लैंड दौरे पर पारी का आगाज करने के लिए कहा गया और उन्होंने विदेश सरजमीं पर टीम की टेस्ट श्रृंखला में जीत में अहम योगदान दिया।
कार्तिक की 2010 और 2017 के बीच आईपीएल में मांग बनी रही लेकिन राष्ट्रीय टीम से वह दूर रहे। राष्ट्रीय टीम में उनकी वापसी 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से भारत की हार के बाद हुई।
वह इसके बाद 2019 विश्व कप तक नियमित तौर पर भारतीय टीम का हिस्सा रहे। इस दौरान 2018 में उन्होंने कोलंबो में बांग्लादेश के खिलाफ निदास ट्रॉफी के फाइनल में आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर टीम को यादगार जीत दिलाई थी। उन्होंने इस मैच में आठ गेंद में नाबाद 29 रन की पारी खेली थी।
इसके दो महीने बाद उन्होंने आठ साल के अंतराल पर टेस्ट टीम में वापसी की लेकिन लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। एकदिवसीय विश्व कप (2019) में उन्हें सिर्फ तीन मैचों में खेलने का मौका मिला जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला भी शामिल था।
वह 2022 के टी20 विश्व कप में टीम में वापसी के बाद प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर सके और तीन मैचों में महज 14 रन बना सके। इसके बाद भारतीय टीम के दरवाजे उनके लिए बंद हो गये।
उन्होंने खुद भी इस बात को माना कि उनका भारतीय करियर इससे भी बड़ा हो सकता था, लेकिन धोनी जैसे व्यक्ति की छाया में रहना कोई शर्म की बात नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में निराशा के बावजूद वह आईपीएल में दमखम दिखाते रहे। विराट कोहली की अगुवाई में आरसीबी के खिलाड़ियों ने बुधवार को टीम के लिए उनके योगदान की सराहना की।कार्तिक जल्द ही कमेंट्री बॉक्स में वापस करेंगे और आईपीएल के बाहर टी20 लीग में खेलते नजर आ सकते हैं।
(भाषा)