सनराइजर्स हैदराबाद को 2 विकेट से हराकर चेन्नई सुपरकिंग्स सातवीं बार आईपीएल के फाइनल में
मुंबई। 'मैन ऑफ द मैच' फाफ डू प्लेसिस ने बल्लेबाजी के लिए मुश्किल परिस्थितियों में अपने कौशल का शानदार नमूना पेश करके आज यहां नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली, जिससे चेन्नई सुपरकिंग्स ने हार के कगार से वापसी करके सनराइजर्स हैदराबाद पर दो विकेट की जीत से आईपीएल-11 के फाइनल में जगह बनाई। 2 बार का चैम्पियन चेन्नई सातवीं बार फाइनल में पहुंचा है।
वानखेड़े की पिच बल्लेबाजी के लिए आसान नहीं थी। गेंद रुककर बल्ले पर आ रही थी जिससे शॉट लगाना आसान नहीं था। ऐसे में एक समय चेन्नई के लिए 140 रन का लक्ष्य भी पहाड़ जैसा बन गया लेकिन सलामी बल्लेबाज प्लेसिस (42 गेंदों पर नाबाद 67 रन) ने आखिर तक एक छोर संभाले रखा, जिससे टीम ने 19.1 ओवर में लक्ष्य तक पहुंचाया।
इससे पहले सनराइजर्स अगर सात विकेट पर 139 रन तक पहुंच पाया तो इसका श्रेय कार्लोस ब्रेथवेट को जाता है, जिन्होंने चार छक्कों की मदद से 29 गेंदों पर नाबाद 43 रन बनाए। उनके अलावा कप्तान केन विलियमसन और यूसुफ पठान (दोनों 24 रन) ही 20 रन की संख्या पार कर पाए।
चेन्नई सातवीं बार आईपीएल के फाइनल में पहुंचा है। उसने इससे पहले 2010 और 2011 में खिताब जीता था।
हैदराबाद को दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने के लिए दूसरे क्वालीफायर्स में कोलकाता नाइटराइडर्स और राजस्थान रायल्स के बीच कल होने वाले एलिमिनेटर के विजेता से भिड़ना होगा।
चेन्नई का शीर्ष क्रम लड़खड़ा गया और एक समय उसका स्कोर छह विकेट पर 62 रन था। यहां तक आखिरी 18 गेंदों पर उसे 43 रन बनाने थे लेकिन प्लेसिस ने शार्दुल ठाकुर (पांच गेंदों पर नाबाद 15) के साथ मिलकर केवल 13 गेंदों में जरूरी रन बना दिए। प्लेसिस ने अपनी पारी में पांच चौके और चार छक्के लगाए। हैदराबाद के लिए राशिद खान ने 11 रन देकर दो विकेट लिए।
दोनों टीमों की शुरुआत बेहद खराब रही। हैदराबाद ने अगर पहले पांच ओवर में तीन विकेट गंवाए तो चेन्नई के चोटी के तीन बल्लेबाज पहले चार ओवर में पैवेलियन पहुंच गए थे। शेन वाटसन (शून्य) को भुवनेश्वर कुमार ने पहले ओवर में विकेट के पीछे कैच कराया जबकि सिद्धार्थ कौल ने चौथे ओवर में सुरेश रैना (13 गेंद पर 22) और अंबाती रायुडू की लगातार गेंदों पर गिल्लियां बिखेरी।
पावर-प्ले के बाद चेन्नई का स्कोर तीन विकेट पर 33 रन था। महेंद्र सिंह धोनी (18 गेंद पर नौ रन) को आईपीएल में केवल तीसरी बार पहले चार ओवरों के अंदर क्रीज पर उतरना पड़ा लेकिन राशिद ने आठवें ओवर में गेंद थामते ही उसे उनके बल्ले और पैड के बीच से निकालकर विकेटों में समा दिया।
राशिद ने ड्वेन ब्रावो (7) को पहली स्लिप में शिखर धवन के हाथों कैच कराया जबकि रविंद्र जडेजा (3) ने अगले ओवर में संदीप शर्मा को वापस कैच थमाया। प्लेसिस ने एक छोर संभाले रखा। उन्होंने नौवें ओवर में ब्रेथवेट की शॉर्ट पिच गेंद को छह रन के लिए भेजा और जब रन और गेंदों के बीच अंतर बढ़ रहा था, तब शाकिब अल हसन पर लगातार चौका और छक्का लगाया।
दीपक चहर (10) ने संदीप पर छक्का जमाया लेकिन ब्रेथवेट ने इसी ओवर में उनका खूबसूरत कैच लपक दिया। जब टीम को तीन ओवर में 43 रन चाहिए थे तब प्लेसिस ने ब्रेथवेट पर तीन चौके और एक छक्का लगाकर चेन्नई की उम्मीद जगाई।
नए बल्लेबाज शार्दुल ठाकुर ने भी कौल पर तीन चौके लगाए, जिससे आखिरी ओवर में चेन्नई के सामने छह रन बनाने का लक्ष्य था। प्लेसिस ने भुवनेश्वर की पहली गेंद पर ही छक्का लगाकर हैदराबाद की उम्मीदों पर पानी फेरा।
पहले बल्लेबाजी का न्यौता पाने वाले सनराइजर्स ने पहले पांच ओवरों में ही शिखर धवन और बेहतरीन फार्म में चल रहे कप्तान विलियमसन सहित तीन विकेट गंवा दिए। दीपक चहर की पारी की पहली गेंद पर धवन बोल्ड हो गए। श्रीवत्स गोस्वामी (12) ने लुंगी एनगिडी को वापस कैच थमाया जबकि विलियमसन (15 गेंदों पर 24) ने शार्दुल ठाकुर की गेंद पर अपनी गलती से विकेट गंवाया।
उन्होंने लेग साइड की तरफ जा रही शॉर्ट पिच गेंद को छेड़कर धोनी को कैच दिया। विलियमसन ने चहर के पहले ओवर में लगातार तीन चौके जड़कर अपने तेवर दिखाए थे। शाकिब अल हसन (12) आउट होने वाले अगले बल्लेबाज थे, जिन्होंने ड्वेन ब्रावो की लेग स्टंप से बाहर जाती गेंद पर धोनी को कैच दिया।
ब्रावो का यह चेन्नई की तरफ से 91वां विकेट था और वह रविचंद्रन अश्विन (90 विकेट) को पीछे छोड़कर इस आईपीएल टीम की तरफ से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं। पहले दस ओवर के बाद सनराइजर्स का स्कोर चार विकेट पर 64 रन था जो जल्द ही पांच विकेट पर 67 रन हो गया।
बेहद सतर्कता बरत रहे मनीष पांडे (16 गेंदों पर आठ रन) ने जडेजा को वापस कैच थमाया। पांडे और पठान दोनों रन बनाने लिए जूझ रहे थे जिसके कारण पावर-प्ले समाप्त होने के बाद अगले छह ओवर में केवल 20 रन बने। इस बीच गेंद सीमा रेखा तक भी नहीं पहुंची। पठान (29 गेंदों पर 24) ने डेथ ओवरों के लिए लंबे शाट खेलने की योजना बनायी थी लेकिन ब्रावो ने इससे पहले ही उनके करारे शाट को कैच में तब्दील कर दिया।
पारी का पहला छक्का 18वें ओवर में लगा। ब्रेथवेट ने ठाकुर की पहली दो गेंदों को गगनदायी छक्कों के लिए भेजा। इनमें से पहले छक्के से टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचा। उन्होंने इस गेंदबाज के पारी के आखिरी ओवर में भी दो छक्के लगाए। ठाकुर ने अपने चार ओवर में 50 रन लुटाए।