डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं अंतरिक्ष सेना, अमेरिकी कांग्रेस में नहीं बन रही सहमति
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अंतरिक्ष में अमेरिकी संपत्तियों की सुरक्षा और वहां देश का प्रभुत्व स्थापित करने के लिहाज से सेना की नई शाखा स्पेस फोर्स की स्थापना करना चाहते हैं लेकिन अमेरिकी कांग्रेस इसे लेकर संशय की स्थिति में है। देश की संसद का कहना है कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में इकलौती सेना होने का क्या मतलब है।
ट्रंप अमेरिकी उपग्रहों की रक्षा, अंतरिक्ष में संवेदनशीलता से निपटने और कक्षा में अमेरिका का प्रभुत्व स्थापित करने के लिए सेना की नई शाखा स्थापित करने पर जोर दे रहे हैं। पेंटागन के प्रस्ताव के अनुसार, स्पेस फोर्स यानी कि अंतरिक्ष बल सेना की अपनी शाखा होगी लेकिन यह वायुसेना के तहत आएगी। बिलकुल वैसे ही जैसी मरीन कोर सेना की अलग शाखा है लेकिन वह नौसेना के तहत आती है।
कार्यवाहक रक्षा सचिव पैट्रिक शानहान ने सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति को बताया, रूस और चीन ने अमेरिकी क्षमताओं को खतरा पहुंचाने की मंशा से अंतरिक्ष का सशस्त्रीकरण किया है। नए बल के गठन के लिए अमेरिका को सीनेट की समिति की मंजूरी चाहिए होगी। अमेरिका में 1947 में वायुसेना की स्थापना के बाद से पेंटागन ने सेना में कोई नई शाखा नहीं जोड़ी है।
यदि अंतरिक्ष बल बनता है तो अमेरिका के पास थलसेना, नौसेना, मरीन और वायुसेना के अलावा अंतरिक्ष सेना भी होगी। शानहान का कहना है कि भविष्य में कोई भी लड़ाई अब अंतरिक्ष में ही जीती या हारी जाएगी, लेकिन सांसदों को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिरकार दुनिया में इकलौती अंतरिक्ष सेना की जरूरत ही क्या है।