ट्रंप ने पूछा, हैती और अफ्रीकी अप्रवासियों को क्यों आने देते हैं...
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका हैती और अफ्रीकन देशों के प्रवासियों को क्यों आने देता है? इस दौरान उन्होंने कुछ देशों के लिए गाली का इस्तेमाल किया।
गुप्त सूत्रों के अनुसार गुरुवार को जब डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन और रिपब्लिकन सीनेटर लिंडसे ग्राहम राष्ट्रपति के सामने द्विदलीय सीनेटरों के समूह द्वारा पेश नए अप्रवासी विधेयक के बारे में बता रहे थे। उन्होंने बताया कि इस बातचीत के दौरान अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि यह वाकिया उस समय हुआ जह ट्रंप के कानूनी सलाहकार उन्हें अप्रवासी कार्यक्रमों के बारे में बता रहे थे जिनमें प्राकृतिक आपदाओं या घरेलू हिंसा से पीड़ित लोग अमेरिका में सुरक्षित स्थान की तलाश में रहने आते हैं। इस पर ट्रंप ने कहा कि उन्हें अफ्रीका जैसे देशों के नागरिकों की क्या जरूरत है? बातचीत के दौरान उन्होंने अफ्रीकी देशों के लिए गाली का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि उनके पास नार्वे जैसे देशों के और नागरिक होने चाहिए। ट्रंप ने अमेरिका के लिए हैती नागरिकों की जरूरत पर सवाल उठाए।
कार्यक्रम का नाम अस्थाई सुरक्षा अवस्था (टीपीएस) था। ट्रंप ने अल सल्वाडोर के अप्रवासियों को अमेरिका में रहने के लिए अब और अनुमति देने से मना कर दिया जिससे अमेरिका में रह रहे सल्वाडोर मूल के दो लाख लोगों को अमेरिका से हटाया जा रहा है।
द्विदलीय सभा की योजना के मुताबिक टीपीएस को चलाए रखने के बदले विविधता लॉटरी कार्यक्रम को खत्म करने या बदलने से अन्य देशों के कुछ प्रवासियों के साथ एक वर्ष में लगभग 50,000 लोगों को अमेरिका में रहने की अनुमति देने की योजना है।
ट्रंप के ताने के बारे में पूछने पर व्हाइट हाउस के प्रवक्ता राज शाह ने कहा कि वाशिंगटन के कुछ नेता दूसरे देशों के लिए लड़ रहे हैं जबकि राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा अमेरिकी जनता के लिए लड़ेंगे।
शाह ने कहा कि मेरिट के आधार पर अप्रवासियों को तरजीह देने वाले अन्य देशों की तरह ही ट्रंप इसका स्थाई समाधान चाहते हैं जिससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, यहां के समाज और वातावरण में ढल कर अमेरिका को और मजबूत बनाने वाले लोगों का स्वागत किया जा सके।
बैठक में मौजूद रहे एक अन्य सूत्र ने कहा कि ट्रंप ने बैठक में सवाल उठाया कि अमेरिका अप्रशिक्षित कर्मियों की अपेक्षा प्रशिक्षित कर्मियों को तरजीह क्यों नहीं देता? (वार्ता)