नई थैरेपी से त्वचा कैंसर के इलाज में मिलेगी मदद
वॉशिंगटन। वैज्ञानिकों ने एक ऐसे अणु की पहचान की है जिसका समावेश त्वचा कैंसर के विरुद्ध प्रतिरोधक तंत्र की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए कैंसर टीके में किया जा सकता है।
'पीएनएएस' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार डाइप्रोवोसिम नामक इस अणु को वर्तमान टीके में मिलाने पर कैंसर के खिलाफ संघर्ष करने वाली कोशिकाएं ट्यूमर के स्थान पर पहुंच सकती हैं।
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि मेलानोमा से पीड़ित चूहे पर प्रयोग से पता चला कि इस उपचार से उन मामलों में मरीज के स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है, जहां केवल दवा देने से काम नहीं चलता है। मेलानोमा एक प्रकार का त्वचा कैंसर है, जो मेलानोसाइट्स नामक वर्णक उत्पादक कोशिकाओं के उत्परिवर्तित एवं कैंसरकारी होने पर पैदा होता है।
अमेरिका के स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डेल बोगर ने कहा कि यह सह उपचार मेलानोमा के इलाज में पूरी तरह असरकारी रहा। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक अगर ट्यूमर कोशिकाएं फिर से उभरने की कोशिश करती हैं, तो यह टीका प्रतिरोधक तंत्र को उनसे लड़ने में भी प्रेरित करता है। इस तरह यह कैंसर को फिर से हमला करने से रोकता है।