शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. S Jaishankar meets Antonio Guterres and Philemon Yang
Last Updated : शुक्रवार, 27 सितम्बर 2024 (16:43 IST)

विदेश मंत्री जयशंकर की संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुतारेस व महासभा अध्यक्ष यांग से मुलाकात

विदेश मंत्री जयशंकर की संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुतारेस व महासभा अध्यक्ष यांग से मुलाकात - S Jaishankar meets Antonio Guterres and Philemon Yang
S Jaishankar meets Guterres and Yang : विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने न्यूयॉर्क में यहां संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (Antonio Guterres) और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के नए अध्यक्ष फिलेमोन यांग से अलग-अलग मुलाकात की तथा विविधता में एकता कि शांति एवं मानव कल्याण के यांग के दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए पश्चिम एशिया और यूक्रेन में संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
 
जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका में हैं और उन्होंने गुरुवार को महासभा के सत्र से इतर गुतारेस और यांग से मुलाकात की। जयशंकर ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ बात करना हमेशा खुशी की बात होती है।ALSO READ: भारत-चीन संबंधों में प्रगति सीमा पर शांति के लिए जरूरी : जयशंकर
 
विश्व के नेताओं ने रविवार को सर्वसम्मति से भविष्य का समझौता को अंगीकार किया जिसमें 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सुधार करने का वादा किया गया तथा इसे और अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, समावेशी, पारदर्शी, कुशल, प्रभावी, लोकतांत्रिक एवं जवाबदेह बनाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया है। वे सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाने के लिए इसे विस्तारित करने पर भी सहमत हुए।
 
जयशंकर ने एक अलग पोस्ट में कहा कि आज न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के नए अध्यक्ष फिलेमोन यांग से मिलकर खुशी हुई। विविधता में एकता, शांति, मानव कल्याण और हर जगह सभी के लिए गरिमा के उनके दृष्टिकोण को भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। यांग ने भी जयशंकर से मुलाकात के बाद 'एक्स' पर ग्लोबल साउथ के हितों को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका की सराहना की।ALSO READ: जयशंकर की खरी-खरी, आप हम पर टिप्पणी करिए पर खुद भी सुनने को तैयार रहिए
 
1960 के दशक में पनपा ग्लोबल साउथ शब्द आमतौर पर लैटिन अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया के क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खासकर इसका मतलब, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बाहर, दक्षिणी गोलार्द्ध और भूमध्यरेखीय क्षेत्र में स्थित ऐसे देशों से है, जो ज्यादातर कम आय वाले हैं और राजनीतिक तौर पर भी पिछड़े हैं।
 
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का स्वागत करते हुई खुशी : यांग ने कहा कि मुझे आज भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का स्वागत करते हुए खुशी हुई। हमने संयुक्त राष्ट्र महासभा 79 के लिए प्राथमिकताओं और प्रमुख मुद्दों तथा भविष्य के शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा की। मैंने ग्लोबल साउथ के हितों को आगे बढ़ाने में भारत की भूमिका की भी सराहना की। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के मौके पर, जयशंकर ने बेलारूस के विदेश मंत्री मक्सिम रायज़ेनकोव से भी मुलाकात की और स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी तथा गहरे आर्थिक संबंधों में संभावनाओं पर चर्चा की।ALSO READ: पीएम मोदी की जगह विदेश मंत्री जयशंकर 28 सितंबर को UN महासभा को करेंगे संबोधित
 
जयशंकर ने रोमानियाई समकक्ष लुमिनिटा ओडोबेस्कु से भी मुलाकात की और पर्यटन एवं रक्षा क्षेत्र में बढ़ती द्विपक्षीय गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि यूक्रेन मुद्दे पर दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर ने स्वीडन की अपनी समकक्ष मारिया मालमेर स्टेनगार्ड से भी मुलाकात की।
 
यूक्रेन और हिन्द-प्रशांत पर दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान : उन्होंने 'एक्स' पर एक अलग पोस्ट में कहा कि सतत विकास, निवेश और कुशल श्रमिकों की गतिशीलता के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने पर बात की। यूक्रेन और हिन्द-प्रशांत पर दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर उन्होंने मोंटेनेग्रो के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एर्विन इब्राहिमोविक से भी मुलाकात की। उन्होंने 'एक्स' पर कहा कि हमारी बातचीत व्यापार, स्वास्थ्य और पर्यटन में सहयोग को आगे बढ़ाने पर केंद्रित रही।
 
जयशंकर ने मोरक्को के अपने समकक्ष नासिर बौरिटा से भी मुलाकात की। उन्होंने मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलट्टी के साथ भी गर्मजोशी भरी पहली बैठक की और हमारे द्विपक्षीय संबंधों में लगातार प्रगति पर चर्चा की तथा क्षेत्र में घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
 
जयशंकर ने अपने स्लोवेनियाई समकक्ष तंजा फाजोन के साथ बैठक के दौरान भूमध्यसागरीय क्षेत्र के साथ भारत के बढ़ते सहयोग के बारे में भी बात की। उन्होंने जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी से भी मुलाकात की। जयशंकर ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि हमारी चर्चा पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति के इर्द-गिर्द केंद्रित रही। उन्होंने विश्व के नेताओं से भी मुलाकात की जिनमें मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपुन और उनके समकक्ष त्रिनिदाद और टोबैगो के अमेरी ब्राउन तथा बुरुंडी के अल्बर्ट शिंगिरो शामिल थे।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
ये भी पढ़ें
भारत से क्यों नाखुश है रूस, इसका यूक्रेन से है कनेक्शन