कई दशकों पुराने इस ताबूत में विदा होंगी महारानी एलिजाबेथ
लंदन, ब्रिटेन में सर्वाधिक समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत इंग्लिश ओक से बना है, जिस पर सीसे की परत है और इसे दशकों पहले बनाया गया था। स्काई न्यूज के अनुसार, ताबूत राजपरिवार के सैंड्रिंघम एस्टेट के ओक वृक्ष की लकड़ी से राज परंपरा के अनुसार निर्मित है।
टेलीग्राफ के अनुसार, यह मूल रूप से तीन दशक पहले विशेषज्ञ फर्म हेनरी स्मिथ द्वारा बनाया गया था। ताबूत बनाने की सटीक तारीख का रिकॉर्ड तब खो गया था जब 2005 में हेनरी स्मिथ का नियंत्रण एक अन्य फर्म ने अपने हाथ में ले लिया था। इसके निर्माण के बाद से यह उन दो अलग-अलग कंपनियों की देख-रेख में रहा है जो राजपपरिवार के सदस्यों की अंत्येष्टि का काम देखती हैं।
यह ताबूत किसी सामान्य ताबूत की तुलना में बहुत भारी है। इसे ले जाने के लिए छह लोगों की जगह आठ लोगों की आवश्यकता होती है, जो सशस्त्र बलों से होंगे। शाही परिवार के सदस्यों के शवों को खास ताबूतों में रखने की प्रथा कम से कम महारानी एलिजाबेथ प्रथम के समय से सैकड़ों साल पहले की है।
सीसा का उपयोग करने से ताबूत को नमी से बचाया जा सकता है और इससे इसके अपघटन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। बर्मिंघम स्थित कॉफिन वर्क्स संग्रहालय की प्रबंधक सारा हेस का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल, प्रिंस फिलिप और राजकुमारी डायना के लिए ऐसे ही ताबूत इस्तेमाल किए गए थे। उन्होंने कहा कि इसमें शव को यथासंभव लंबे समय तक संरक्षित रखा जा सकता है क्योंकि यह अपघटन की प्रक्रिया को धीमा करता है। (भाषा)