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Last Updated : मंगलवार, 17 जनवरी 2023 (22:23 IST)

Pakistan को कंगाली में आई भारत की याद, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहले लगाई गुहार, फिर अलापा कश्मीर का राग

shahbaz shariff
इस्लामाबाद/ नई दिल्ली। कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अब भारत की याद आई है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर सहित विभिन्न 'ज्वलंत' मुद्दों के हल के लिए अपने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ 'गंभीर' बातचीत का आह्वान करते हए कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) परमाणु हथियार संपन्न दो पड़ोसियों के बीच बातचीत की बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

शरीफ ने सोमवार को दुबई स्थित अल अरबिया समाचार चैनल के साथ एक इंटरव्यू के दौरान यह बयान दिया। इसके चंद घंटे बाद ही पाकिस्तान के पीएमओ ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया और सीधे तौर पर शरीफ की बात को नकार दिया। पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री की बात को गलत तरीके से लिया गया।

उन्होंने साफतौर पर कहा है कि भारत से बातचीत सिर्फ तभी हो सकती है जब वह कश्मीर में 5 अगस्त 2019 जैसी स्थिति फिर लागू करे। भारत और पाकिस्तान के संबंध कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं। भारत कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को पहले ही खारिज कर चुका है।
 
मोदी को दिया मैसेज : शरीफ ने कहा कि भारतीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मेरा संदेश है कि आइए, हम बातचीत की मेज पर बैठें और कश्मीर जैसे ज्वलंत मुद्दों के हल के लिए गंभीरता से बातचीत करें।
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत पड़ोसी देश हैं और उन्हें ‘एक दूसरे के साथ ही रहना’है। उन्होंने कहा कि यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें, प्रगति करें या आपस में झगड़ा करें, एवं समय और संसाधनों को बर्बाद करें। भारत के साथ हमने तीन युद्ध लड़े हैं और इससे लोगों के दुख, गरीबी और बेरोजगारी में वृद्धि ही हुई है।
 
युद्ध पर दिखाया पछतावा : शरीफ ने कहा कि हमने सीख ले ली है और हम शांति से रहना चाहते हैं बशर्ते हम अपनी वास्तविक समस्याओं को हल कर सकें। हम गरीबी दूर करना चाहते हैं, समृद्धि प्राप्त करना चाहते हैं और अपने लोगों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं तथा रोजगार मुहैया कराना चाहते हैं और बम एवं गोला-बारूद पर अपने संसाधनों को बर्बाद नहीं करना चाहते हैं। और यही संदेश मैं प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं।
 
भारत लगातार कहता रहा है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकते और पाकिस्तान को बातचीत की बहाली के लिए अनुकूल माहौल मुहैया कराना चाहिए।
 
भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और पांच अगस्त, 2019 को राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो गए।
 
शरीफ ने आगाह करते हुए कहा कि हम परमाणु शक्ति संपन्न हैं, पूरी ताकत से लैस हैं एवं भगवान न करे... लेकिन अगर युद्ध छिड़ जाए तो यह बताने के लिए कौन जीवित रहेगा कि क्या हुआ था?" शरीफ ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात नेतृत्व पाकिस्तान और भारत को साथ-साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
 
भारत ने कहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं है।
 
शरीफ ने कहा कि यूएई लाखों पाकिस्तानियों के लिए दूसरा घर है। उन्होंने कुछ दिन पहले ही खाड़ी देश का दौरा किया था जिसका मकसद नया ऋण हासिल करना, द्विपक्षीय सहयोग एवं व्यापार संबंधों को बढ़ाना था। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह कश्मीर सहित भारत के साथ लंबित सभी मुद्दों के हल के लिए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का स्वागत करता है।  भाषा Edited by Sudhir Sharma