इस्लामाबाद। imran Khan Updates : पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को रिहा करने के आदेश दे दिए। कोर्ट ने कहा कि इमरान खान हिंसा पर रोक लगवाएं। रिहा होने के बाद इमरान खान ने कहा कि मुझे कोर्ट से अगवा किया गया। मुझे लाठियों से पीटा गया। इमरान खान की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने बताया गैरकानूनी।
पाकिस्तान के हालातों से जुड़ा हर अपडेट-
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने कहा परिवार के 10 से ज्यादा लोगों से मिल सकते हैं इमरान
रिहाई के बाद इस्लामाबाद में पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ताओं में झड़प
इमरान खान ने अपने समर्थकों से शांति की अपील की।
इस्लामाबाद हाईकोर्ट में सुबह 11 बजे सुनवाई होगी।
इमरान खान ने कहा- मुझ पर 145 केस दर्ज हैं।
इमरान खान ने कहा- मुझे आतंकी की तरह गिरफ्तार किया।
पुलिस के गेस्ट हाउस में रहेंगे इमरान खान
परिवार से मिल सकते हैं इमरान खान
मरियम नवाज ने इमरान खान की रिहाई पर कहा- अशांति के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार।
प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह की तीन सदस्यीय पीठ ने यह निर्देश जारी किया।
पीठ ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई की।
पीठ ने सुनवाई के दौरान 70 वर्षीय खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के परिसर से गिरफ्तार किए जाने के तरीके पर नाराजगी जताई।
डॉन समाचार पत्र के अनुसार प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया कि अगर 90 लोग परिसर में प्रवेश कर जाते हैं तो अदालत की क्या गरिमा रह जाती है? अदालत परिसर से किसी व्यक्ति को कैसे गिरफ्तार किया जा सकता है?
उन्होंने कहा कि विगत में, अदालत के अंदर तोड़फोड़ को लेकर वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अगर किसी व्यक्ति ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है, तो उसे गिरफ्तार करने का क्या मतलब है?
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने "अदालत की अवमानना" की है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले ब्यूरो को अदालत के रजिस्ट्रार से अनुमति लेनी चाहिए थी। अदालत के कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
पीठ ने एनएबी को शाम साढ़े चार बजे (स्थानीय समयानुसार) खान को पेश करने का निर्देश दिया। उस समय अदालत की कार्यवाही फिर शुरू होगी।
हिंसक प्रदर्शनों से किया किनारा : पीटीआई ने उसके प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों में अपनी संलिप्तता से बृहस्पतिवार को इनकार किया और इस संबंध में सेना के बयान को तथ्यों के विपरीत एवं जमीनी वास्तविकताओं की खराब समझ पर आधारित बताया।
पीटीआई ने ट्विटर पर शेयर किए एक बयान में कहा कि वह शांति एवं अहिंसा के जरिए और संविधान का पालन करके अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में विश्वास करती है।
उसने कहा कि पीटीआई ने संविधान और कानून का पालन नहीं करने को हमेशा हतोत्साहित किया है। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद जनता की प्रतिक्रिया कई कारकों से जुड़ी है।
पार्टी ने कहा कि (सेना का) बयान पाकिस्तान के सबसे विश्वसनीय, लोकप्रिय और सबसे बड़े राजनीतिक दल के खिलाफ नफरत और बदले की भावना का एक दुखद संग्रह है।
समाचार पत्र डॉन के अनुसार, पीटीआई ने कहा कि सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) द्वारा बुधवार को जारी बयान तथ्यों के विपरीत और जमीनी हकीकत की खराब समझ पर आधारित है।
पाकिस्तानी सेना ने अपने प्रतिष्ठानों पर हमले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों को 'कड़ा जवाब' देने की बुधवार को चेतावनी दी थी और कहा था कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। साथ ही, उसने नौ मई को उसके प्रतिष्ठानों पर हुए हमलों को देश के इतिहास का काला अध्याय करार दिया था।
भ्रष्टाचार मामले में खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने मंगलवार को सेना के जनरल मुख्यालय और कई अन्य सैन्य संपत्तियों और प्रतिष्ठानों पर धावा बोल दिया था। उन्होंने सैन्य वाहनों और प्रतिष्ठानों पर हमला किया और लाहौर कोर कमांडर के आवास में आग लगा दी।
सेना की मीडिया शाखा अंतर सेवा जनसंपर्क (आईएसपीआर) ने कहा कि हम किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने देंगे। आईएसपीआर ने कहा कि एक तरफ ये बदमाश अपने "सीमित और स्वार्थी उद्देश्यों" को हासिल करने के लिए देश की भावनाओं को भड़काते हैं और दूसरी तरफ लोगों को धोखा देते हैं। उसने कहा कि यह पाखंड की एक मिसाल है। Edited By : Sudhir Sharma