रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं नरेंद्र मोदी
Russia Ukraine war : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के लिए केवल भारत, चीन और ब्राजील ही मध्यस्थता कर सकते हैं। पीएम मोदी ने हाल ही में रूस और युक्रेन दोनों ही युद्धग्रस्त देशों की यात्रा कर चुके हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की मध्यस्थता कर सकते हैं।
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ईस्टर्न इकॉनोमिक फोरम के कार्यक्रम में पुतिन ने कहा रूस और यूक्रेन की जंग शुरू होने के एक हफ्ते बाद ही इस्तांबुल में हुई बातचीत में युद्ध को लेकर एक प्राथमिक समझौते पर सहमति बनी थी। इस समझौते को कभी लागू नहीं किया गया। अब अगर फिर से मध्यस्थता की बातचीत शुरू होती है तो इस्तांबुल में हुआ प्राथमिक समझौता इस बातचीत का आधार बन सकता है।
मोदी ने 23 अगस्त को कीव की लगभग 9 घंटे की यात्रा की थी। अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ व्यापक वार्ता की थी। उन्होंने जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। 3 दशक पहले यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद से भारत के प्रधानमंत्री का यूक्रेन का यह पहला दौरा था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन दौरे से लौटने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की थी। उन्होंने यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा से प्राप्त अनुभवों को साझा किया तथा यूक्रेन के साथ संघर्ष के शीघ्र, स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।
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इससे एक दिन पहले ही मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को अपनी यूक्रेन यात्रा के बारे में जानकारी दी थी तथा बातचीत और कूटनीति के जरिए क्षेत्र में जल्द शांति बहाल करने के लिए भारत का पूरा समर्थन जताया था।
उल्लेखनीय है कि कई बार रूस यूक्रेन के बीच मध्यस्थता की कोशिश की गई है, लेकिन रूस के इन शांति वार्ताओं में शामिल न होने के चलते इन बैठकों का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल पाया।