इस्लामाबाद। जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में फांसी की सजा पाए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की पत्नी और मां ने आज यहां पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय में मुलाकात की। इस दौरान पाकिस्तान में भारत के उप उच्चायुक्त जेपी सिंह भी मौजूद थे।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह मुलाकात करीब 35 से 40 मिनट चली। कमांडर जाधव की मां एवं पत्नी आज दोपहर करीब साढ़े 12 बजे इस्लामाबाद पहुंचीं थी, जहां हवाई अड्डे पर पाकिस्तानी विदेश एवं गृह मंत्रालयों के अधिकारी तथा सिंह मौजूद थे। कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें हवाई अड्डे से सीधे विदेश मंत्रालय लाया गया।
वीडियो फुटेज के अनुसार विदेश मंत्रालय के बाहर पाकिस्तानी मीडिया भी मौजूद था लेकिन किसी ने उनसे कोई बात नहीं की। सिंह कमांडर जाधव की मां और पत्नी को लेकर एक काले रंग की एसयूवी में पहुंचे। वहां पहुंचने पर मेहमानों को एक ऐसे कक्ष में ले जाया गया, जो कांच की मोटी दीवार से दो भागों में बंटा था।
एक हिस्से में कमांडर जाधव बैठे थे। दोनों ओर अनेक वीडियो कैमरे लगाए गए थे। बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए अत्याधुनिक सेंसर लगे उपकरण लगाए गए थे। दूसरे हिस्से में कमांडर जाधव की मां एवं पत्नी की कुर्सी लगाई गई थी, जबकि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की एक महिला अधिकारी और सिंह पीछे बैठे बातचीत पर पैनी नज़र रखे हुए थे।
कक्ष के दोनों ओर बातचीत इलैक्ट्रॉनिक माध्यम से हो रही थी ताकि मुंह से निकला एक भी शब्द रिकॉर्ड से बाहर ना रहे। कोई किसी को फुसफुसा कर या इशारों से भी कुछ नहीं कह सकता था। पाकिस्तान सरकार ने इसे अपने देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के जन्मदिन के मौके पर एक 'मानवीय मुलाकात' करार दिया था।
भारतीय समयानुसार करीब 4 बजे मां और पत्नी भारी मन से पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की इमारत से निकले और इस बार एक सफेद एसयूवी में सवार हो कर भारतीय उच्चायोग के लिए रवाना हो गए, जहां भारतीय राजनयिक अधिकारियों ने मां एवं पत्नी से बातचीत की।
सूत्रों के अनुसार कमांडर जाधव की मां एवं पत्नी दुबई होते हुए इस्लामाबाद पहुंचीं थी और वे आज ही भारत लौटेंगी। भारतीय मीडिया ने इस मुलाकात के तौर तरीकों को लेकर सवाल उठाए हैं तथा कमांडर जाधव एवं उनकी मां एवं पत्नी के बीच कांच की दीवार लगाए जाने की तीखी आलोचना की है।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक जाधव परिवार की भेंट के मद्देनजर विदेश मंत्रालय की इमारत की ओर जाने वाले दोनों तरफ का यातायात बंद कर दिया गया था।
पाकिस्तान के विदेश विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कमांडर जाधव की मां एवं पत्नी की एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें कमेंट भी लिखा गया, 'हम अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करते हैं। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के संस्थापक कायदे-आजम मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती के मौके पर मानवीयता के आधार पर जाधव परिवार को मिलने की अनुमति दी गई।'
पाकिस्तान सरकार ने इस मुलाकात को कमांडर जाधव के साथ किसी भी रूप में राजनयिक संपर्क होने की बात से इनकार किया है। उल्लेखनीय है कि कमांडर जाधव को गत वर्ष मार्च में गिरफ्तार किया था।
पाकिस्तान का कहना है कि उसके सुरक्षा बलों ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रांत से जाधव उर्फ हुसैन मुबारक पटेल को गैरकानूनी रूप से पाकिस्तान में प्रवेश करने और जासूसी के साथ ही तोड़फोड़ की गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
दूसरी तरफ भारत ने कहा है कि जाधव का ईरान से उस वक्त अपहरण कर लिया गया था, जब वह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्ति के बाद अपने व्यवसाय के सिलसिले में वहां गए थे लिहाजा उनके जासूस होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने इसी वर्ष अप्रैल में जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। भारत ने इसका विरोध करते हुए अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत (आईसीजे) का रूख किया जहां कमांडर जाधव फांसी की सजा पर स्थगन दे दिया गया है। आईसीजे में यह मुकदमा जारी है और भारत को उम्मीद है कि कमांडर जाधव की रिहाई संभव हो सकेगी।