Israel-Hamas War : फिलिस्तीन के आम लोगों की मदद के लिए आगे आया भारत, हवाई मार्ग से भेजी दवाएं और राहत सामग्री
Israel-Hamas War update : भारत ने रविवार को फिलिस्तीन के लोगों के लिए दवाओं और चिकित्सा उपकरणों सहित 38 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी। भारतीय वायु सेना का सी-17 परिवहन विमान राहत सामग्री लेकर मिस्र के अल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गया है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों ने गाजा की स्थिति को भयानक बताया है।
हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इजराइल पर जबरदस्त हमले के बाद इजराइली सेना गाजा पर जवाबी हवाई हमले कर रही है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि राहत सामग्री फलस्तीन तक पहुंचाने के लिए मिस्र के रेड क्रिसेंट को सौंप दी गई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, कि भारत ने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भेजी है। फिलिस्तीन के लोगों के लिए लगभग साढ़े 6 टन चिकित्सा सहायता तथा 32 टन आपदा राहत सामग्री लेकर आईएएफ सी-17 मिस्र के अल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ।
उन्होंने कहा कि सामग्री में आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, सर्जिकल सामान, तंबू, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, स्वच्छता संबंधी सामान, जल शुद्धिकरण के लिए टैबलेट सहित अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।
इसके कुछ घंटे बाद बागची ने कहा कि मिस्र में भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने फलस्तीन भेजने के लिए राहत सामग्री मिस्र के रेड क्रिसेंट को सौंप दी।
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा कि फिलिस्तीन के लोगों के लिए भारत की मानवीय सहायता मिस्र पहुंची। भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने राहत सामग्री फलस्तीन भेजने के लिए मिस्र के रेड क्रिसेंट को सौंप दी है। सी-17 विमान को दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस से भेजा गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गाजा के एक अस्पताल में नागरिकों की मौत पर संवेदना व्यक्त करने तथा इजराइल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से जारी सैद्धांतिक स्थिति को दोहराने के तीन दिन बाद भारत ने यह सहायता भेजी है।
प्रधानमंत्री ने गुरुवार को फिलिस्तीन प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से कहा कि भारत फलस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा।
विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) उन पांच एजेंसियों में शामिल थे, जिन्होंने एक संयुक्त बयान में गाजा की स्थिति को भयानक बताया है।
भारत संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) में योगदान के माध्यम से फलस्तीन और फलस्तीनी शरणार्थियों का समर्थन करता रहा है।