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Last Updated : मंगलवार, 6 अगस्त 2024 (18:43 IST)

भारत की बात मानी होती तो आज इस हाल में नहीं होतीं शेख हसीना

भारत की बात मानी होती तो आज इस हाल में नहीं होतीं शेख हसीना - If Sheikh Hasina had listened to India, would not have been in condition today
Protests and violence in Bangladesh : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina)  आज जिन हालात में हैं, काफी हद तक उसकी जिम्मेदार वे स्वयं ही हैं। पूरा बांग्लादेश धू-धू करके जल रहा है। चारों और प्रदर्शनकारियों ने हिंसा और आतंक फैला रखा है। दरअसल, एक साल पहले ही भारत ने हसीना को आगाह भी किया था। भारत ने कहा था कि वे जनरल जमान उज जमा को सेना प्रमुख न बनाएं। लेकिन, उन्होंने भारत की बात को अनसुना कर दिया। ALSO READ: बांग्लादेश मामले में क्या है भारत का रुख, विदेशमंत्री जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक में बताया
 
उस समय भारत ने शेख हसीना को आगाह करते हुए कहा था कि जमान का झुकाव चीन की तरफ है। उन्होंने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सलाह पर भी ध्यान नहीं दिया था। उसका परिणाम अब सबके सामने है। खास बात तो यह है कि अब बुरे वक्त में भारत ने ही शेख हसीना का साथ दिया है। बांग्लादेश से भागने के बाद उनका पहला ठिकाना भारत ही था। जमान को 23 जून 2023 को शेख हसीना ने ही सेना प्रमुख नियुक्त किया था। हसीना जनरल जमान पर काफी भरोसा रखती थीं। हालांकि उन्होंने इस बात पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया कि जमान खालिदा जिया के भी काफी करीब रहा है। ALSO READ: बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे किसका हाथ?
 
दूर का रिश्तेदार है जमान : खास बात तो यह है कि जनरल जमान उज जमा शेख हसीना के दूर रिश्ते में बहनोई लगता है। उसने ‍हिंसा और प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण के बजाय हसीना को देश छोड़ने की चेतावनी दी थी। इतना ही नहीं हसीना को देश छोड़ने के लिए सिर्फ 45 मिनट का वक्त दिया था। इस बीच, हसीना की धुर विरोधी खालिदा जिया को भी जेल से रिहा कर दिया गया। बांग्लादेश से जिस तरह के दृश्य सामने आ रहे हैं, उससे बांग्लादेश के भविष्य को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। ALSO READ: Bangaladesh : बंग भंग से बांग्लादेश बनने तक की कहानी और भारत विरोध
 
कट्‍टरपंथ की राह पर जा सकता है बांग्लादेश : बांग्लादेश की सत्ता सेना के हाथ में रहे या फिर खालिदा जिया के हाथ में, बांग्लादेश अब कट्‍टरपंथ की राह पर ही चलने वाला है। जनरल जमान का चीन की तरफ झुकाव भी किसी से छिपा नहीं है। आने वाले समय में चीन भी बांग्लादेश में अपना ठिकाना बना ले तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। ALSO READ: बांग्लादेश: वो कुछ घंटे, जिनमें शेख़ हसीना से छिनी सत्ता और देश छोड़कर भागना पड़ा
 
शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते चीन बांग्लादेश में अपना प्रभुत्व कायम नहीं कर पा रहा था। कट्‍टरपंथ बढ़ने के साथ ही बांग्लादेश में आतंकवादी घटनाएं बढ़ने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। प्रदर्शन और हिंसा की आड़ में कई आतंकवादी जेल से फरार हो चुके हैं। हसीना की अप्रत्याशित विदाई के बाद बांग्लादेश का भविष्य भी खतरे में दिखाई दे रहा है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala