UNGA summit में PM मोदी का संबोधन, जानिए खास बातें
न्यूयॉर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) को संबोधित किया। जानिए उनके भाषण की खास बातें...
नरेन्द्र मोदी ने कोरोना का उल्लेख करते हुए कहा कि गत डेढ़ वर्ष से पूरी दुनिया 100 साल की सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रही है। उन्होंने इस आपदा में मृत लोगों के लिए संवेदना व्यक्त की। मैं उस देश भारत से हूं, जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी कहते हैं। भारत में विविधताएं हैं। दर्जनों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं। ये विविधता भारत की लोकतंत्र की ताकत है। एक बालक जो टी स्टाल पर अपने की पिता की मदद करता था, वह चौथी बार यूएन में भारत के प्रधानमंत्री के रूप में संबोधित कर रहा है।
देशवासियों की सेवा करते हुए मुझे 20 साल हो गए हैं। पहले सीएम अब पीएम के रूप में सेवा कर रहा हूं। भारत की विविधता जीवंत लोकतंत्र का प्रमाण। भारत विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को भारत में मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। 3 करोड़ बेघर लोगों को घर का मालिक बनाया। 7 साल में 43 करोड़ से ज्यादा लोग बैंकिंग से जुड़े।
भारत के 6 लाख से ज्यादा गांवों में ड्रोन की मदद से डिजिटल रिकॉर्ड देने में जुटे हैं। 36 करोड़ से ज्यादा भारतीयों को बीमा कवर मिला। 17 करोड़ से ज्यादा लोगों पीने का स्वच्छ पानी मिल रहा है। भारत के विकास से विश्व के विकास को गति मिलती है। भारत में डिजिटल युग की शुरुआत हो चुकी है। भारत में हर महीने 350 करोड़ से ज्यादा ट्रांजेक्शन हो रहे हैं।
भारत पूरी दुनिया में वैक्सीन की सप्लाई कर रहा है। अन्य वैक्सीन निर्माताओं को मोदी ने भारत आने का न्योता दिया। कहा- भारत में आइए और वैक्सीन बनाइए। भारत के वैज्ञानिक नेजल वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। भारत को दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने में भी जुट गए हैं। हमें आने वाली पीढ़ी को जवाब देना है।
पाकिस्तान का नाम लिए भारत का बड़ा हमला। आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है, जो इसे फैलाने में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से मदद कर रहे हैं। अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए नहीं होना चाहिए।
हमें इस बात के लिए सतर्क रहना होगा। वहां की स्थितियों का कोई 'टूल' की तरह इस्तेमाल करने की कोई कोशिश नहीं करे। अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है। अफगानिस्तान लोगों को मदद की जरूरत और हमें इस दायित्व को निभाना होगा।