दुनिया के सामने पाकिस्तान और इमरान को किया बेनकाब, कौन हैं गुलालाई इस्माइल
भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेबुनियाद बयान और अफवाहें फैलाता है जबकि उसके घर में सेना अल्पसंख्यकों पर खूब अत्याचार करती है। पाकिस्तान और इमरान खान की पोल मानवाधिकार के कार्यकर्ता दुनिया के सामने खोलते रहते हैं। ऐसी ही एक मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं गुलालाई इस्माइल। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना संबोधन दे रहे थे तो गुलालाई इस्माइल यूएन मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रही थीं।
इस्माइल ने पाकिस्तानी सेना द्वारा यौन शोषण करने जैसे जुल्मों को दुनिया को बताया। गुलालाई फिलहाल न्यूयॉर्क में अपनी बहन के साथ रह रही हैं और उन्होंने अमेरिका में राजनीतिक शरण के लिए भी आवेदन भी किया हुआ है।
पाक सेना के अत्याचार की कहानी : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना संबोधन दे रहे थे तो गुलालाई इस्माइल यूएन मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रही थीं।
गुलालाई इस्माइल ने पाकिस्तानी सेना द्वारा महिलाओं के बलात्कार, लोगों को मरवाने और तमाम दूसरे तरह के जुल्मों का खुलकर विरोध किया। इस विरोध के कारण पाकिस्तान में उनकी जान आफत में आ गई थी। गुलालाई इस्माइल किसी तरह अपनी जान बचाकर अमेरिका पहुंचने में सफल रहीं।
गुलालाई बताती हैं कि पाकिस्तान जैसे देश में सेना की आलोचना करना एक अपराध है। 32 साल की गुलालाई पाकिस्तान में पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए आशा का एक नया चेहरा बन गई हैं।
कुछ दिन पहले गुलालाई ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे लगभग 6 महीने तक पाकिस्तान में छिपी रहीं और अमेरिका जाने से पहले अपने दोस्तों की सहायता से श्रीलंका की यात्रा की।
गुलालाई संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे मुहाजिरों, पश्तूनों, बलूचियों, सिंधियों और कई अन्य अल्पसंख्यकों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं।
इन प्रदर्शनकारियों के हाथों में 'नो मोर ब्लैंक चेक्स फॉर पाकिस्तान' (पाकिस्तान के लिए अब कोई मुंहमांगी मदद नहीं) की तख्तियां थीं। ये प्रदर्शनकारी 'पाकिस्तान आर्मी स्टॉप मेडलिंग इन पॉलिटिक्स' (पाकिस्तानी सेना सियासत में नाक घुसेड़ना रोके) का नारा लगा रहे थे। इस्माइल ने प्रदर्शन के दौरान बताया कि किस तरह से पाकिस्तान में दशकों से अल्पसंख्यकों की दुर्दशा हो रही है।
गुलालाई इस्माइल कुछ समय पहले पाकिस्तान सरकार और आईएसआई के क्रूर चेहरे को दुनिया के सामने ला रही थीं तो आर्मी और इमरान सरकार ने उस पर देशद्रोह का आरोप लगा दिया।
पाकिस्तानी सरकार ने गुलालाई इस्माइल के खिलाफ अपनी सारी मशीनरी लगा दी तथा और प्रताड़ना देकर उनकी आवाज दबाने का प्रयास किया। सरकार और सेना ने इस्माइल के परिवार पर दबाव डाला है। गुलालाई इस्माइल के पिता और मां पर फर्जी आरोप लगाए गए।
गुलालाई का कहना है कि हमारी मांग पाकिस्तानी सेना द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन को तुरंत समाप्त करना है। पाक आर्मी को उन लोगों को तुरंत रिहा करना चाहिए, जो अभी भी जेलों में बंद हैं और यातना सह रहे हैं, लेकिन अगर हम उनके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो हम पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया जाता है। खैबर पख्तूख्वां में तानाशाही है। (Photo courtesy : Facebook)